“” केंद्र सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि प्रथम श्रेणी में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु छह वर्ष होनी चाहिए।””

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 नई दिल्ली, 23 फरवरी, जनक्रांति न्यूज,:—–केंद्रीय शिक्षा विभाग ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश दिया है कि पहली कक्षा में शामिल होने वाले बच्चों की न्यूनतम आयु छह वर्ष निर्धारित की जाए। राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति के अनुसार, 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों को नींव चरण के हिस्से के रूप में तीन साल की प्री-स्कूल शिक्षा दी जाती है, इसके बाद कक्षा 1 और 2 होती है। केंद्र ने कहा कि इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्री-स्कूल से बच्चों के लिए परेशानी मुक्त शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देना है।
 कहा कि यह तभी संभव है जब प्री-स्कूलों में तीन साल तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को केवल छह साल की उम्र पूरी कर चुके छात्रों को ही प्रवेश देने को कहा गया है। इसके अनुसार प्रवेश प्रक्रिया में नियमों में संशोधन करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही, यह भी सुझाव दिया गया है कि राज्य सरकारों को प्री-स्कूल शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम डिजाइन और कार्यान्वित करना चाहिए ताकि ऐसे शिक्षक तैयार किए जा सकें जो अपने अधिकार क्षेत्र में प्री-स्कूल के छात्रों को पर्याप्त रूप से पढ़ा सकें।
 —– M Venkat T Reddy, News Editor, MP Janakranti News,
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