आज के समय में आर्ट वर्क कितने में बिकेगा ये सबसे पहले हमारा नाम और काम तय करेगा न की कितना समय लगा
इंदौर (जनक्रांति न्यूज़) दीपक शर्मा: – दो दिनी कला प्रदर्शनी कला के रंग का समापन क्रिएट स्टोरीज सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा कैनरीज आर्ट गैलरी में हुआ । संस्था के दीपक शर्मा ने बताया इस प्रदर्शनी में 9 साल से 73 साल तक के 61 कलाकारों की 151 कलाकृतियां प्रदर्शित किये गए जिसमे अलग अलग तरह के आर्ट फॉर्म्स देखे गए । समापन पर कलाकारों के लिए आर्टिस्टिक मैनेजमेंट वर्कशॉप आयोजित हुई जिसमे मैनेजमेंट एक्सपर्ट डॉ अजित उपाध्याय ने चर्चा की ।
एक्सपर्ट डॉ अजित उपाध्याय ने बताया की मैनेजमेंट की पहली विशेषता यह है कि यह एक प्रक्रिया है जो हमेशा चलती रहती है । यह तब तक चलती रहती है जब तक कि मैनेजमेंट के जो ऑब्जेक्टिव हैं वो पूरे नहीं हो जाते । प्रबन्ध की एक विशेषता यह है कि यह कला एवं विज्ञान दोनों है । यह कला इसलिए ही क्योंकि इसे अलग अभ्यास एवं अनुभव के द्वारा प्राप्त किया जाता है, और विज्ञान इसलिए है क्योंकि आधुनिक समय में इसका व्यावसायिक ज्ञान उपलब्ध है, इसमें वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाते हैं, सिद्धान्तों एवं नियमों को अपनाया जाता है ।
यदि हमे इस फील्ड में आगे बढ़ना है तो प्रोफेशनल ट्रेनिंग लीजिए , बारीकियां सीखिए एवं जितना ज्यदा हो सके कला प्रदर्शनी का हिस्सा बने , जो भी मौके मिले उन्हें मत छोडिये भले आप सीख रहे हो फिर भी आप अपने वर्क प्रदर्शित करिए क्यूंकि कला प्रदर्शनी एक ऐसी जगह है जहाँ अलग अलग लोगो से मिलने का मौका मिलता है और ट्रेंड में नया क्या चल रहा है लोग क्या चाहते है वो ऐसी जगहों पर पता चलता है साथ ही सीनियर आर्टिस्ट्स से गाइडेंस लेते रहिये । गलती या सुधार एवं आलोचना स्वीकार करिए यदि ईगो बीच में आएगा तो आगे बढ़ पाना थोडा मुश्किल होगा । हमेशा इस बात का ध्यान रखिये की यदि आप आर्टिस्ट बनना चाहते है तो ज्यदा से ज्यदा लोग आपको जानना चाहिए । कई बार कलाकार निराश हो जाते है की हमने इतनी सारी पेंटिंग्स या आर्ट बनायें है पर कोई खरीदता नही । लेकिन क्या हमने सोचा है हमे कितने लोग जानते है ? हमारे आर्ट में क्या नया और क्या यूनिक है ? आज के समय में सबसे ज़रूरी है ब्रांड वैल्यू क्रिएट करना क्यूंकि हम जितन भी बढ़िया आर्ट बना ले अगर हमारा नाम है तो आर्ट वर्क ज़रूर बिकता है । हर आर्ट के पीछे कुछ न कुछ स्टोरी होती है हमे वो स्टोरी क्रिएट करके सामने वाले को एक्सप्लेन करना आना चाहिए ।
आर्ट वर्क कितने में बिकेगा ये सबसे पहले हमारा नाम और काम डीसाइड करेगा न की कितना समय लगा बनाने में, क्यूंकि आजकल युवा सभी आर्ट वर्क की प्राइस समय के हिसाब से तय करते है जो की गलत है , हमारे लिए हमारा आर्ट वर्क बेस्ट होता है लेकिन जिस दिन हम एक खरीददार या विजिटर की नज़रिए से देखने लग जायेगे उस दिन शायाद हमारा काम प्रोफेशनल लेवल पे आ जायेगा ।
अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपकी सहायता करने के लिए-
· अपने टारगेट ऑडीअन्स को जानें (या खोजें)।
· स्थानीय शुरू करें मतलब लोकल प्रदर्शनी में भाग लें और अटेंड करिये और लोगो की डिमांड खोजे क्यूंकि प्रदर्शनी में भाग लेने से हमारी कम्युनिकेशन स्किल्स अपने आप बनते जाते है ।
· सोशल मीडिया का पूरा इस्तमाल करिए एवं ज्यदा से ज्यदा लोगों से कनेक्ट बनाइये ।
· धीरे-धीरे और लगातार वर्क बनाएँ , छोडिये मत ।
· स्टे करंट यानि आज क्या चल रहा है अपडेट रहे ।
· अपने आर्ट का पेज बनाइये और हो सके तो वेबसाइट ताकि आपके आर्ट वर्क एक जगह पे देखे जा सके ।
· ऑनलाइन शौपिंग साइट्स में रजिस्टर करिए वहां अपने आर्ट वर्क को सेल करिये ।