NITIN DUBEY ✍️ 9630130003 आपको यह बात अजीब लग सकती है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के सैकड़ों गांवों की हजारों महिलाएं बच्चा पैदा करने से डरती हैं! भला ऐसा क्यों?
मैं, इस खबर की तथ्यात्मक और वास्तविक सच्चाई आपको बताता हूं।
सबसे पहले हम चलते हैं बुधनी। बुधनी नगर के आस पास करीब 50 से 55 गांव हैं और बुधनी स्वास्थ्य केंद्र में केवल एक महिला डॉक्टर है। इसी तरह नसरुल्लागंज में एक महिला डॉक्टर है और लगभग 180 गांव नसरुल्लागंज से जुड़े हैं। बात रेहटी
की करते हैं। रेहटी में भी एक महिला डॉक्टर है। रेहटी से भी 50 से 55 ग्रामीण क्षेत्र जुड़े हैं। यह पूरा विधानसभा क्षेत्र मुख्यमंत्री का ही है, लेकिन अब बात सबसे रोचक और दुखद, मुख्यमंत्री के गांव जैत के आसपास क्या हालात हैं? अब देखते हैं मुख्यमंत्री के गांव और उसके आसपास के क्षेत्रों का हाल।
मुख्यमंत्री के गांव जैत के
सबसे समीप बकतरा है। बकतरा में एक भी महिला डॉक्टर नहीं है। पुरुष डॉक्टर भी छुट्टी पर हैं और करीब 200 गांव बकतरा से जुड़े हैं। अब बात करते हैं नगर पंचायत
शाहगंज की, जहां विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव निवास करते हैं। शाहगंज में भी महिला डॉक्टर नहीं है पुरुष डॉक्टर भी कभी-कभार आते और जाते रहते हैं। हजारों की महिला आबादी में महज़ तीन महिला डॉक्टर हैं।
अब मैंने जो लिखा है कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में महिलाएं बच्चा पैदा करने से डरती हैं तो क्या इस बात में सच्चाई नहीं है? हजारों महिलाओं के लिए एक महिला डॉक्टर भी नहीं है। पूरा विधानसभा क्षेत्र जिसकी आबादी लाखों में है। नगरीय क्षेत्र नसरुल्लागंज, रेहटी, बुधनी, बकतरा, शाहगंज में केवल तीन महिला डॉक्टर और गंभीर और दुखद बात हजारों की आबादी सैकड़ों गांव इन नगरी क्षेत्रों से जुड़े हैं।
अब मैं, इस खबर का एक और वास्तविक पहलू आपके सामने रख रहा हूं। कुछ महीने पहले ही नसरुल्लागंज क्षेत्र में में एक महिला की डिलीवरी अस्पताल कैंपस में ही बग़ैर डॉक्टर की देखरेख में हो गई क्योंकि महिला डॉक्टर नहीं थी। इसी तरह एंबुलेंस और बसों के अलावा अन्य वाहनों में भी इन महिलाओं की डिलीवरी हो चुकी हैं। बगैर किसी महिला डॉक्टर की निगरानी और स्वास्थ्य सुविधा। अब सवाल उठता है कि जब इस पूरे विधानसभा क्षेत्र में महिला डॉक्टर नहीं हैं तो महिलाएं प्रसव के लिए कितनी पीड़ा झेलती होंगी? आप भी अंदाजा लगा सकते हैं। ऐसे हालात में वह पीड़ित परिवार क्या करता है? ऐसे हालात में परिवार या तो 70- 80 किलोमीटर भोपाल लेकर आता है या फिर होशंगाबाद में भर्ती करना पड़ता है और यहां भी प्राइवेट अस्पतालों में ही भर्ती करते हैं। मध्यम और अमीर तो इन प्राइवेट अस्पतालों का उपयोग कर लेते हैं लेकिन गरीब महिलाएं कहां जाएं? यह सवाल मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रशासन और आम जनता से भी है।
ऐसे हालात में ग्रामीण क्षेत्रों में या तो घर में ही डिलीवरी होती है या फिर प्राइवेट अस्पतालों में हजारों खर्च करने पड़ते हैं।।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच पर तो महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर बहुत चिंतित नजर आते हैं, लेकिन खुद के ही विधानसभा क्षेत्र में महिला डॉक्टर नहीं हैं। इस कारण कई बार महिलाएं और नवजात अकाल मौत मर जाते हैं। इन गरीब महिलाओं को तो कभी-कभी ऐसा भी लगता है कि यहां बच्चा पैदा करना अभिशाप बन गया है।