बड़वानी जनक्रांति न्यूज़ संदीप पाटिल पानसेमल:- संस्कार और संक्रमण दोनो ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। संस्कार जगत में मानव सभ्यता की स्थापना करते हैं, जबकि संक्रमण बीमारी फैलाकर मानव सभ्यता का विनाश करता है। उक्त विचार योग गुरु कृष्णकांत सोनी ने निशुल्क योग शिविर में निजी स्कूल के छात्र छात्राओं के समक्ष कहे। योग गुरु ने आगे बताया कि आज का मानव दिखावा कर पैसा कमा रहा है। आज धन संग्रह की होड़ मची है,पैसा किसी भी रुप में आना चाहिए इसके लिए कुछ लोग अच्छी अच्छी बातें कर भावुक कर रोने लगा देते हैं अन्त में खाता नम्बर बताते हैं। कुछ लोग फोटो खिंचकर, कुछ धमकाकर पैसा कमाते हैं। मनुष्य को आज भावुकता छोड़नी होगी। आज तकलीफ उठाओ तो कल सुख मिलेगा। आज सुख भोगेंगे तो कल अवश्य दुःख मिलेगा। अर्थात ईमानदारी का पैसा व योग का अभ्यास रोगों से बचायेगा अन्यथा दुःख एवं रोगो से कोई नहीं बचा पायेगा। बी पी,शुगर, हदय रोग आम रोग बन चुके हैं। योग गुरु ने आसन, विट्ठल आसन, कमर दर्द चेहरे ताजगी कि योग की विभिन्न विधाओं को छात्र छात्राओं को सिखाया। इस अवसर पर प्राचार्य सुनिल वर्मा, रामेश्वर राठौड़,कालुसिग बरडे, एवं समस्त स्टाफ मौजूद था ।
फोटो छात्र छात्राये आसन करते हुए।