गंज बासौदा की धरती पर प्रथम बार इतनी बढ़ी संख्या में एक साथ उपनयन संस्कार हुए। इससे एक दिन पूर्व सभी संस्कार लेने वाले बालकों ने अपने बालों का त्याग कर मुंडन कराया। उसके पश्चात विद्यापुरम जिनालय से महावीर विहार तक धर्म प्रभावना रैली निकाली गयी। प्रातःकाल के समय धूसरपुरा जिनालय से दयोदय गौसेवा सदन बर्रीघाट के लिए तीनों मुनिराजों के सानिध्य में श्री जी को पालकी जी पर विराजमान करके ले जाया गया। गौशाला में मानस्तंभ में विराजमान भगवान जी का महमस्तिकाभिषेक किया गया। तत्पश्चात मुनि श्री के प्रवचन हुए। इसके बाद मुनि श्री की अहारचर्या भी दयोदय गौसेवा सदन में हुई। तथा सभी लोगों के भोजन की भी बहीं व्यवस्था रही। इसके पश्चात दोपहर में ऐतिहासिक उपनयन संस्कार प्रदान किये। जिसमें मुनि श्री 108 निर्दोष सागर जी, मुनि श्री 108 निर्लोभ सागर जी, मुनि श्री 108 निरुपम सागर जी के मंगल सानिध्य में अभिषेक शांतिधारा की गयी व सभी संस्कार लेने बालों से भी श्री जी का अभिषेक कराया गया। इसके बाद सेकड़ो की संख्या में उपस्थित बालक बलिकायों को पूरे मंत्रो उच्चारण के साथ उपनयन संस्कार प्रदान किये गये। इसके बाद बालकों को जनेऊ धारण कराया गया व कमर में कटिबंध पहनाया गया। मुनि श्री ने उपनयन संस्कार के महत्व को बताया व गुरु दक्षिणा में सभी को श्रावक के अष्ट मूल गुणों को पालन करने का कहा। इसमें मंच से धूसरपुरा पाठशाला के बच्चों के द्वारा फास्ट फूड के दुष्परिणाम के ऊपर लघु नाटिका प्रस्तुत की। जिसकी सभी जगह बहुत सराहना की गयी। इसमें गंज बासौदा सहित सिरोंज आरोन विदिशा पठारी सहित आसपास पास के कई जगह के लोगों ने संस्कार प्राप्त करने दयोदय गौशाला पहुंचे व संस्कार लिए। इसके पश्चात गौशाला के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में समल्लित होने व मुक्त हस्त से दान देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम के हजारों की संख्या में लोग शामिल होकर इस ऐतिहासिक क्षणों के साक्षी बने।
गंज बासौदा से संदीप कुमार जैन की रिपोर्ट