झोलाछाप डॉक्टर पर होगी कार्रवाई, स्वास्थ्य विभाग मेडिकल ऑफिसर सुनिल चौहान टिम गठित कर कि कार्रवाई

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झिरन्या के पहाड़ी क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीण जनों को 500 एमजी की गोलियां देकर कर रहे हैं इलाज झोलाछाप डॉक्टरों में से अधिकतर बंगाली ही नजर आते हैं कोलकाता के बिना डिग्री के डॉक्टर पहाड़ी क्षेत्र में अपना परिवार लेकर किराया के कमरे में क्लीनिक खुलवाकर ग्रामीण जनों का करते हैं इलाज जो की मेडिसिन भी वहां क्लीनिक पर ही रखा जाता है जो एक्सपायर डेट की भी गोलियां एवं दवाइयां मरीज को देते रहते हैं ऐसे फलिया एवं ग्रामीण क्षेत्र में बसे झोलाछाप डॉक्टरों की कार्रवाई के लिए झिरनिया स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल ऑफिसर सुनील चौहान ने बताया कि बिना डिग्री के डॉक्टर पर लगाया जाएगा अंकुश उन्होंने बताया कि .B.H. M. S एमबीबीएस .एमडी एसी डिग्री धारी डॉक्टर को क्लीनिक चलाने की ही परमिशन मिलती है बाकी ऐसे झोलाछाप डॉक्टर जो अपना दुकानदारी चला रहे हैं उसे दुकानदारी के लिए हम जो गठित हुई स्वास्थ्य विभाग की टीम को लेकर हम उसकी जांच करेंगे अथवा उन डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कही पहाड़ी क्षेत्र में वनवासी बंधु जो की अनपढ़ एवं पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण उन्हें कोई दवाई अथवा इंजेक्शन का नॉलेज नहीं होता जिसके कारण वह किसी भी प्रकार का मेडिसिन को पहचान नहीं पाते पहाड़ी वनों में भी रहकर एक डॉक्टर कुंवर सिंह डावर जो की महाराष्ट्र एवं एमपी की बॉर्डर पर एक छोटे से गांव में डिग्री धारी डॉक्टर b.a.m.s मिला उन्होंने बताया कि हम पर लिखकर इस छोटी से गांव में क्लीनिक चला रहे हैं और हमें भी इंतजार की घड़ियां कर देखना पड़ती है की मरिज कब आए क्योंकि अधिकतर फलियां में झोलाछाप डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है

बंगाली डॉक्टर झोलाछाप

संवाददाता दिलीप बामनिया

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