अदरक की खेती के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे उत्तम माना जाता है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर.के. तिवारी बताते हैं कि दुनियाभर में कुल अदरक का आधा से ज्यादा उत्पादन भारत में ही होता है. भारत में अदरक की खेती मुख्य रूप से नकदी फसल के तौर पर केरल, उड़ीसा, असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है.
बिहार के किसानों के पास पारंपरिक कृषि तकनीक के अलावा अदरक की खेती के लिए वैज्ञानिक तकनीक को अपनाने का भी अवसर है. इससे उनकी कृषि में पैदावार बढ़ेगी और अधिक मुनाफे की संभावना बनेगी.
आधुनिक तकनीक से 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है पैदावार
अदरक की खेती के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. वर्तमान में अदरक की खेती में आधुनिक कृषि तकनीक के इस्तेमाल से किसान 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. यह सुझाव कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. आर.के. तिवारी ने किसानों को दिया है.
भारत में अदरक उत्पादन में केरल सबसे आगे
डॉ. आर.के. तिवारी ने बताया कि दुनियाभर में कुल अदरक का आधा से ज्यादा उत्पादन भारत में ही होता है. भारत में अदरक की खेती मुख्य रूप से नकदी फसल के तौर पर केरल, उड़ीसा, असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में की जाती है. अदरक उत्पादन में देश में केरल का स्थान सबसे पहला है.
उन्होंने आगे बताया कि अदरक की फसल पकने में आमतौर पर 8 से 9 महीने का समय लगता है. अदरक की पैदावार प्रति हेक्टेयर सामान्यतः 150 से 200 क्विंटल के बीच होती है. अदरक की खेती से किसानों को अच्छी कमाई होती है.
अदरक की खेती कैसे करें?
कृषि वैज्ञानिक ने सलाह दी है कि अदरक की बुवाई करते समय कतारों के बीच 30-40 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 25-25 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए. बुवाई के बाद बीजों को हल्की मिट्टी या गोबर की खाद की परत से ढक देना चाहिए. इसके अलावा खेत में पानी निकास की उचित व्यवस्था करना भी जरूरी है.