देश में कई तरह के फसलों की खेती है और कई प्रकार के फलो की भी ऐसे में आप की खेती भी बड़े अच्छे पैमाने पर की जाती है. जैसे फलो का राजा आम होता है वैसे ही आमो के राजा के रूप में अल्फांसों को कहा जाता है. आपको बता दे की इसे हापुस भी कहते हैं. सरकार ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और आसपास के इलाकों में पैदा होने वाले अल्फांसो आम को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग दिया है. तो आइये जानते है इसके बारे।
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अल्फांसों आम की खेती के लिए भूमि
आम की खेती के लिए मिटटी की बात करे तो सभी तरह की भूमि में किया जाता है लेकिन अच्छी जल धारण क्षमता वाली गहरी, बलुई दोमट सबसे उपयुक्त मानी जाती है. भूमि का पी.एच. मान 5.5-7.5 तक इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. अल्फांसो आम की खेती के लिए ऐसी ही जमीन की जरुरत होती है.
अल्फांसों आम की खेती
इस आम की खेती आप कतार विधि या जगह के हिसाब से भी कर सकते है, अच्छे उत्पादन के लिए पौधों की देख भाल करना जरुरी है. इसमें जाड़े में पाले से बचाने के लिए एवं गर्मी में लू से बचाने के लिए सिंचाई का प्रबंधन करना चाहिए.जमीन से 70 से 80 सेमी तक की शाखाओं को निकाल देना चाहिए. इसके साथ ही किट आदि का नियंत्रण भी बेहद जरुरी होता है.
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अल्फांसों आम की कीमत
इस वैरायटी के आम के कीमत की अगर हम बात करे तो इसकी कीमत सामान्य आमो से ज्यादा होती है. वही इसकी कीमत अभी यह 800 से 1100 रुपये दर्जन में रहती है. हालांकि इसकी कीमत बाजार भाव पर निर्भर करती है. इसकी खेती मालामाल बना सकती है.