Alirajpur News: महाआरती के साथ कथा का समापन, श्री राम एवं श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया

By
On:
Follow Us

आलीराजपुर नन्द के घर आनन्द भयो जय कन्हैयालाल कीए हाथी घोड़ा पालकीए जय कन्हैयालाल कीए जैसे भक्ती जयघोष से पाण्डाल गूंज उठाए सभी लोग झूम उठे। मौका था श्रीमद् भागवत कथा के चैथे दिन भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव का। वासूदेव रूपी कलाकार जब बाल कृष्ण को टोकरी में लेकर मंच पर आयेए तो पूरे पाण्डाल में बाल श्रीकृष्ण पूष्प वषार् हुई। भगवान श्रीकृष्ण बने बालक की एक झलक पाने को हर कोई आतूर दिखा। पाण्डाल में बैठे श्रोता उद्घोष करते हुए अपनी जगह पर खड़े होकर झूम उठे और भगवान का जन्मोत्सव मनाने लगे। सभी ओर से बधाईयों की आवाजें सुनाई देने लगीए हर कोई नाचने.थिरकने लगा। पूरा माहौल उत्साहमय हो गया। आज पाण्डाल में महिलाएॅ केसरिया व पीली साड़ी में आयी थी। पूरे पाण्डाल को फुग्गे ;बलूनद्ध से सजाया गया था। ष्ष् सुख के लिए जितना प्रयत्न करोगेए उतना दुख मिलेगाए परमात्मा हमंे जैसे रखे वैसे ही रहना चाहिएए नारायण के कहने पर कैलाष पवर्त में भगवान षिव ने विष पियाए किन्तु भगवान षिव के कंठ मंे नारायण के निवास करने के कारण विष कंठ पर ही स्थिर हो गयाए तब से भगवान का नाम निलकंठेष्वर हो गयाएष्ष् उक्त विचार 7 दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ के चैथे दिन श्रीनाथ गाडर्नए दाहोद रोड़ पर परम पूज्य शास्त्री पंडित योगेष्वर जी जोषी ने कही। कथा के पूवर् कथा के मुख्य यजमान विष्णु गौराना एवं सुनिता गौराना ने व्यासपीठ का पूजन किया। आगे भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए पंडित योगेष्वर जी शास्त्री ने कहा कि ब्रह्माजी व मूनियांे की स्तूति पर भी जब भगवान का क्रोध शांत नही हुआ तो प्रहलाद की स्तूति पर क्रोध शांत हुआए जिस प्रकार गाय माता अपने नवजात बछड़े से प्रेम करती हैए उसी प्रकार भगवान ने भी प्रहलाद को उठाया। पिता ने भगवान प्रहलाद को बहुत कष्ट दियाए फिर भ प्रहलाद ने वरदान मंे अपने पिता को मौक्ष प्रदान करने का वरदान मांगा। यदि पुत्र बनना हो तो प्रहलाद जैसा बनना चाहिए। जैसे ही पंडित योगेष्वर शास्त्री ने पाण्डाल में भगजन ष्ष्मने चरण कमल में राखो रे ओ श्री जी बाबाष्ष्ए प्रहलाद बने राधेकृष्ण गोविन्दा ष्ष् गाया पूरा पाण्डाल नृत्य से झूम उठा। इसके बाद पंडित शास्त्री जी ने भगवान वामन के प्रकट होने की कथा सुनाई व भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया। कथा सुनने पाण्डाल में बड़ी संख्या मंे श्रौता उपस्थित थे। अंत में महाआरती के साथ प्रसादी का वितरणह हुआ। कथा का समापन 24 अगस्त को गुरूवार को होगा। कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 5 बजे तक चल रही है।

 एमपी जनक्रांति न्यूज़ जिला ब्यूरो चीफ मुस्तकीम मुगल अलीराजपुर

 

For Feedback - newsmpjankranti@gmail.com

Leave a Comment