भोपाल/नई दिल्ली, 22 मई 2025: मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय नया तूफ़ान खड़ा हो गया जब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को भाजपा नेता कृष्णा घाडगे द्वारा कथित तौर पर जान से मारने की धमकी देने का मामला सामने आया। यह विवाद 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्पन्न हुआ, जिसमें 26 नागरिकों की मौत हो गई थी।
धमकी का वीडियो वायरल, घाडगे ने माफी से किया इनकार
घटना के बाद भोपाल में हनुमान जन्मोत्सव के एक आयोजन में भाजपा की राज्य कार्य समिति के सदस्य कृष्णा घाडगे का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वह कहते हैं:
“यह मामला पाकिस्तान का नहीं है। पाकिस्तान के एजेंट यहीं इस चौराहे पर खड़े होकर सुन रहे हैं… आरिफ मसूद चोर और उसके अनुयायी जो हमारे धर्म का विरोध करेंगे, उन्हें हम छोड़ेंगे नहीं, यहीं मारेंगे।”
इस बयान के बाद मसूद के समर्थकों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। परंतु, घाडगे ने फेसबुक पोस्ट में माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा, “मैंने पाकिस्तान के खिलाफ बयान दिया और अगर कोई शिकायत कर रहा है, तो वह पाकिस्तान का पक्ष ले रहा है।”
पहले भी मिली थी धमकी, विपक्ष ने साधा निशाना
यह पहला मौका नहीं है जब विधायक आरिफ मसूद को धमकियाँ मिली हों। एक दिन पहले, सचिन सूर्यवंशी नामक व्यक्ति ने भी मसूद को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी दी थी। वायरल पोस्ट में उसने लिखा:
“मैं कल मसूद को मार दूँगा, मेरी जिम्मेदारी कौन लेगा जेल से छुड़ाने की… देश हित में मरना मारना पसंद है मुझे।”
इसके बाद सोशल मीडिया पर उसकी भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें सामने आईं, जिससे मामला और गरम हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस पर X (पूर्व ट्विटर) पर सवाल उठाते हुए कहा:

“क्या भोपाल पुलिस आयुक्त आरिफ मसूद की सुरक्षा का खतरे का आकलन करेंगे? यह सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।”
आरिफ मसूद की प्रतिक्रिया
द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में आरिफ मसूद ने कहा:
“मैं एक मजबूत विपक्षी सदस्य हूँ और भाजपा मेरी राजनीतिक ताकत से डरती है। वे मुझे हटाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं क्योंकि मैं हर बार जीत कर आता हूँ। उन्हें हिन्दू-मुस्लिम एकता का मेरा नैरेटिव रास नहीं आता।”
राजनीतिक तनाव और सांप्रदायिक माहौल
यह विवाद पहलगाम हमले के बाद देश में बढ़ते सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की पृष्ठभूमि में सामने आया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि:
“भाजपा सोशल मीडिया और प्रॉक्सी प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर विभाजन और अविश्वास फैला रही है।”
वहीं, कई स्थानों पर मुस्लिम समुदाय पर हिंसक हमलों की घटनाएँ जैसे कि मसूरी में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर हमला और अलीगढ़ में नाबालिग पर क्रूरता, देश में सांप्रदायिक असहिष्णुता के संकेत हैं।
पुलिस की कार्रवाई और सवाल
भोपाल पुलिस ने घाडगे के खिलाफ जांच शुरू करने की पुष्टि की, परंतु अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस आयुक्त ने कहा:
“हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और उचित कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि, मसूद के समर्थकों ने आरोप लगाया है कि पुलिस प्रारंभ में मामले को गंभीरता से नहीं ले रही थी।