देश मेंकई तरह की फसलों की खेती की जाती है और एवोकाडो, जिसे मक्खन फल भी कहा जाता है, अपनी पोषण संबंधी गुणों और स्वादिष्ट स्वाद के लिए जाना जाता है। भारत में भी इसकी खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। दक्षिण मध्य मैक्सिको में पाया जाने वाला एवोकाडो गर्म जलवायु में उगने वाला फल है. भारत के भी कुछ हिस्सों की जलवायु बिल्कुल ऐसी ही है, अगर आप भी एवोकाडो की खेती करना चाहते हैं, तो यह गाइड आपके लिए बहुत उपयोगी होगी।
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एवोकाडो की खेती के लिए आवश्यक परिस्थितियां
- एवोकाडो गर्म और आर्द्र जलवायु में सबसे अच्छा उगता है। इसे भरपूर धूप की आवश्यकता होती है।
- अच्छी जल निकासी वाली, उपजाऊ दोमट मिट्टी एवोकाडो के लिए सबसे उपयुक्त होती है।
- एवोकाडो को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मियों के महीनों में।
एवोकाडो के पौधे कैसे लगाएं
- आप एवोकाडो के बीज से भी पौधा उगा सकते हैं, लेकिन इस विधि से पौधे को फल लगने में काफी समय लगता है।
- सबसे अच्छा तरीका है कि आप पहले से उगा हुआ एवोकाडो का पौधा खरीदें।
- नियमित रूप से पानी दें, लेकिन ध्यान रखें कि मिट्टी में पानी जमा न हो।
- समय-समय पर उर्वरक डालते रहें।
- पेड़ को सही आकार देने के लिए समय-समय पर उसकी छंटाई करते रहें।
- कीटों और रोगों से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करें।
एवोकाडो की विभिन्न किस्में
भारत में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख एवोकाडो की किस्में हैं:
- हॉर्टन: यह एक लोकप्रिय किस्म है जो बड़े और गोल फल देती है।
- बुट्टर: इस किस्म के फल मक्खन की तरह मुलायम होते हैं।
- फ्यूर्टे: यह किस्म लंबे समय तक ताजा रहती है।
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एवोकाडो की खेती से कमाई
एक किलो एवोकाडो की कीमत इस वक्त भारतीय बाजार में लगभग 1500 से 2000 रुपये के बीच है. सामान्य तौर पर एक पेड़ से 250 से 500 फल प्राप्त किए जा सकते है जबकि 10 से 12 वर्ष पुराने पेड़ से 350 से 550 फल प्राप्त हो सकते हैं. इस हिसाब से इस फल की खेती करने से लाखो रूपए की कमाई की जा सकती है.