BBC के ऑफिस में 19 घंटे से रेड जारी, अभी भी मौजूद है इनकम टैक्स अफसरों की टीम, खंगाले ये 4 कीवर्ड

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गुजरात हिंसा से जुड़ी डॉक्यूमेंट्री को लेकर जारी विवाद के बीच ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर पर आयकर विभाग ने मंगलवार को छापेमारी की है. यहां आयकर की टीम पिछले 19 घंटे से सर्वे कर रही है. बताया जा रहा है कि इंटरनेशनल टैक्स में गड़बड़ी को लेकर बीबीसी दफ्तर पर आईटी की एक टीम जांच के लिए पहुंची है. इतना ही नहीं, जांच के लिए पहुंची आयकर की टीम ने ऑफिस में मौजूद कर्मचारियों के फोन भी जब्त कर लिए, और कर्मचारियों से दफ्तर छोड़कर घर जाने के लिए कहा गया.

बीबीसी के दफ्तर पर इनकम टैक्स की इस कार्रवाई को इंटरनेशनल टैक्स से जुड़ा मामला बताया जा रहा है. जिसमें टैक्स में गड़बड़ी को लेकर बीबीसी दफ्तर पर 19 घंटे से आईटी की ये सर्चिंग चल रही है. माना जा रहा है कि आयकर की टीम आज बुधवार को भी अपनी जांच जारी रख सकती है. ऐसे में बीबीसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि हम अपने कर्मचारियों के साथ हैं, और इस जांच में आईटी की टीम की मदद कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि स्थिति जल्दी ही सामान्य हो जाएगी. जारी किये गये बयान में आगे कहा गया कि हमारा आउटपुट और पत्रकारिता से जुड़ा काम रोजाना की तरह चलता रहेगा. हम अपने रीडर्स को सेवा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

बीबीसी एडिटर्स और आईटी अफसरों के बीच तीखी बहस
इससे पहले बीबीसी कार्यालय से जुड़े सूत्रों ने आज तक को जानकारी दी कि जब इनकम टैक्स के अधिकारियों ने यहां दिल्ली कार्यालय में छापा मारा तो बीबीसी दिल्ली के संपादकों और जांच के लिए पहुंचे इनकम टैक्स के अधिकारियों के बीच टकराव हुआ. इस रेड को लेकर आईटी अफसरों के साथ यह तीखी बहस इस बात पर हुई कि वो बीबीसी दिल्ली के ऑफिस पर सभी सिस्टम की जांच करेंगे.

आईटी की टीम ने सिस्टम पर खोजे 4 कीवर्ड
जिसके बाद आईटी अधिकारियों ने ऑफिस के कर्मचारियों के कंप्यूटर में ‘शेल कंपनी’, ‘फंड ट्रांसफर’, ‘विदेशी ट्रांसफर’ सहित सिस्टम पर चार कीवर्ड खोजे. बीबीसी के संपादकों ने आईटी अधिकारियों से कहा था कि वे अपने सिस्टम पर किसी भी संपादकीय सामग्री (Editorial Content) का एक्सेस नहीं देंगे. इसी बीच भारत में बीबीसी के दफ्तरों में आईटी के इस छापे को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बयान दिया है. नेड प्राइस ने कहा, हम भारतीय कर अधिकारियों द्वारा दिल्ली में बीबीसी कार्यालयों की तलाशी के बारे में जानते हैं. मैं और अधिक व्यापक रूप से कहूंगा कि हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने जताई चिंता
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर आयकर विभाग की ओर से की गई छापेमारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सरकार की आलोचना करने वाले निशाने पर हैं. जारी बयान में कहा गया है कि बीबीसी के नई दिल्ली और मुंबई स्थित दफ्तर पर सर्वे के लिए की गई रेड से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया चिंतित है.

एडिटर्स गिल्ड ने सितंबर 2021 में न्यूज क्लिक और न्यूज लाउंड्री के दफ्तर पर इसी तरह की कार्रवाई का भी जिक्र किया है. एडिटर्स गिल्ड ने कहा है कि दैनिक भास्कर और भारत समाचार के खिलाफ भी आयकर विभाग ने सर्वे की कार्रवाई की थी. फरवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने न्यूज क्लिक के कार्यालय पर पर छापेमारी की थी. इनमें से हर एक मामले में छापेमारी और सर्वे की कार्रवाई सरकार के खिलाफ समाचार संस्थानों की ओर से की गई आलोचनात्मक कवरेज को लेकर हुई थी.

विपक्ष ने रेड को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा
उधर, विपक्ष ने इस कार्रवाई को बीबीसी की गुजरात दंगों पर बनी डॉक्यूमेंट्री से जोड़ा है. कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, पहले BBC की डॉक्यूमेंट्री आई, उसे बैन किया गया. अब BBC पर IT का छापा पड़ गया है. अघोषित आपातकाल. उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम अडानी मामले में जेपीसी की मांग कर रहे हैं, दूसरी ओर बीबीसी के दफ्तर पर इस तरह की कार्रवाई हो रही है. विनाशकाले विपरीत बुद्धि…

वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी बीबीसी पर हुई इस कार्रवाई पर तंज कसते हुए कहा है कि बीबीसी के दिल्ली दफ्तर में आयकर के छापेमारी की खबर है. बहुत खूब. अप्रत्याशित. वहीं कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ये निराशाजनक है और यह ये दर्शाता है कि मोदी सरकार आलोचना से डरती है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि हम डराने-धमकाने के इन हथकंडों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. यह अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया अब और नहीं चल सकता.

वहीं दूसरी तरफ बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने बीबीसी को “दुनिया की सबसे भ्रष्ट संस्था” बताया. बीजेपी प्रवक्ता ने मंगलवार को ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां हर संस्था को मौक़ा दिया जाता है. तब तक, जब तक आप ज़हर नहीं उगलेंगे. गौरव भाटिया ने आगे कहा कि ये तलाशी कानून के दायरे में हैं और इसकी टाइमिंग का सरकार से कोई लेना देना नहीं है.

क्या है बीबीसी डॉक्यूमेंट्री का मामला?
हाल ही में बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री आई थी. यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों पर थी. केंद्र सरकार ने प्रोपेगेंडा बताते हुए इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक लगा दी थी. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर कई यूनिवर्सिटियों में बवाल भी मचा था. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं दायर हुई हैं. ऐसे में विपक्ष आयकर विभाग की छापेमारी को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से जोड़ कर केंद्र पर निशाना साध रहा है.

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