छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाने वाला ये पेड़ किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं है. इस दुर्लभ प्रजाति के पेड़ का नाम दहिमन है. इसके फायदे सुनकर आप सोच सकते हैं कि ये सब काल्पनिक होगा. लेकिन ये सच है. ये पेड़ खून की बीमारी (ब्लड प्रेशर), पीलिया और मानसिक रोगों से पीड़ित लोगों के लिए संजीवनी की तरह काम करता है. इतना ही नहीं, ये 2 मिनट में शराब का नशा भी उतार देता है.
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इस पेड़ की पत्तियों की एक खासियत ये है कि अगर आप उस पर कुछ लिखते हैं, तो लिखे हुए अक्षर उभर आते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि प्राचीन समय में जासूस इसी पत्ते पर लिखकर संदेशों का आदान-प्रदान करते थे.
आयुर्वेद डॉक्टर ने बताई औषधीय महत्ता
आयुर्वेद डॉक्टर पंडित नागेंद्र नारायण शर्मा कहते हैं कि दहिमन हमारे क्षेत्र में पाया जाने वाला बहुत ही फायदेमंद और चमत्कारी पेड़ है. लोग इसकी लकड़ी को गले में पहनते हैं. इसके इस्तेमाल के कई तरीके आयुर्वेद में बताए गए हैं. इसका फल ब्लड प्रेशर, पीलिया और मानसिक रोगों से पीड़ित लोगों के लिए संजीवनी का काम करता है. ऐसा माना जाता है कि अगर इस फल का रस शराब के नशे में धुत्त व्यक्ति को पिला दिया जाए तो 2 मिनट में नशा उतर जाता है. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि ये पेड़ विलुप्त होने के कगार पर है. ऐसे बहुत कम जादुई पेड़-पौधे और औषधियां बची हैं.
अंधाधुंध कटाई से हुआ विलुप्ति का खतरा
आयुर्वेद डॉक्टर ने बताया कि दहिमन मुख्य रूप से पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाया जाता है. इसका औषधीय रूप से बहुत इस्तेमाल होता था. पुराने वैद्य और आयुर्वेदाचार्य कई असाध्य रोगों का इलाज करते थे, जिनमें दहिमन के पेड़ का भी इस्तेमाल होता था. इसमें कई ऐसे बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं, जो कई असाध्य रोगों को ठीक करते हैं. यही कारण है कि इसका बहुत दोहन हुआ. लोगों ने इसका बहुत इस्तेमाल किया, लेकिन इसके संरक्षण पर किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते ये लुप्तप्रायः प्रजाति की श्रेणी में आ गया है.