मंडला। मंडला जिले के बीजाडांडी विकासखंड में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाएं, अचानक तबीयत बिगड़ने और प्रसव जैसी आपात स्थितियां आम हो चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद 108 बीएलएस एम्बुलेंस सेवा की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। हालात यह हैं कि कभी कुछ दिनों तक एम्बुलेंस चलती है, तो कई बार लगातार दिनों तक सेवा पूरी तरह बंद रहती है।
स्थिति उस समय और गंभीर हो जाती है जब यह सामने आता है कि जननी-एम्बुलेंस, जो गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए जीवनरक्षक सेवा मानी जाती है, वह भी बीजाडांडी में स्थायी रूप से तैनात नहीं है। जानकारी के अनुसार जननी-एम्बुलेंस मंडला से संचालित की जा रही है, जिससे आपात स्थिति में बीजाडांडी तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है।
बीजाडांडी और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लगभग प्रतिदिन किसी न किसी प्रकार की दुर्घटना या गंभीर स्वास्थ्य समस्या सामने आ रही है। एम्बुलेंस समय पर न मिलने के कारण घायल और गंभीर मरीजों को मजबूरी में बाइक, ऑटो, पिकअप या अन्य निजी साधनों से अस्पताल ले जाया जा रहा है। कई मामलों में प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों को जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज रेफर किया जाता है, लेकिन उस समय भी एम्बुलेंस उपलब्ध न होने से मरीजों की हालत और बिगड़ जाती है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब कभी 108 या जननी-एम्बुलेंस भेजी जाती है, तो वह मंडला, नारायणगंज या बरेला जैसे दूरस्थ क्षेत्रों से आती है। दूरी अधिक होने के कारण एम्बुलेंस को घटनास्थल तक पहुंचने में लंबा समय लग जाता है। इस देरी के चलते कई मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है और कुछ मामलों में इलाज मिलने से पहले ही मौत हो जाने की बातें भी सामने आ रही हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस गंभीर समस्या की जानकारी जिला स्वास्थ्य प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को लंबे समय से है, इसके बावजूद न तो बीजाडांडी में स्थायी एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी की जवाबदेही तय की गई। स्थानीय स्तर पर निरीक्षण और जमीनी समीक्षा के अभाव में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
क्षेत्र में यह सवाल तेजी से उठने लगे हैं कि क्या बीजाडांडी विकासखंड की जनता की जान की कोई अहमियत नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकारी योजनाएं कागजों में तो प्रभावी दिखाई देती हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। यदि समय रहते बीजाडांडी में 108 और जननी एम्बुलेंस की स्थायी और नियमित तैनाती की जाती, तो कई जानें समय पर इलाज मिलने से बचाई जा सकती थीं।
अब यह मामला केवल सुविधा की कमी का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और जवाबदेही से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन चुका है। स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि बीजाडांडी में तत्काल स्थायी एम्बुलेंस तैनात की जाए और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी भी मरीज को समय पर इलाज के अभाव में अपनी जान न गंवानी पड़े।
रिपोर्टर विवरण
जिला संवाददाता: फिरदौस खान, मंडला
मोबाइल: 7999395389

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