मंडला/बीजाडांडी। दीपावली पर्व के उल्लास के बीच, मंडला जिले के बीजाडांडी स्थित उत्कृष्ट विद्यालय परिसर खून-खराबे का मैदान बन गया। दो दिनों के भीतर छात्रों के गुटों में दो अलग-अलग हिंसक झड़पें हुईं, जिनमें दो छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घटनाओं ने न केवल विद्यालय की ‘उत्कृष्टता’ पर सवाल खड़ा कर दिया है, बल्कि विद्यालय प्रशासन, विशेषकर प्राचार्य की कार्यशैली और अनुशासनहीनता पर भी गंभीर प्रश्नचिन्ह लगा दिए हैं।
पहली घटना: 12वीं के छात्र के सिर पर पत्थर से हमला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हिंसा की पहली घटना सोमवार को भोजनावकाश के दौरान हुई। छात्रों के दो गुटों में शुरू हुआ मामूली विवाद देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गया।
- गंभीर चोट: इस झड़प में कक्षा 12वीं के एक छात्र के सिर पर पत्थर से हमला किया गया, जिससे उसकी आँख के पास गहरी चोट आई और वह लहूलुहान हो गया।
- रेफर और लापरवाही: घायल छात्र को तत्काल स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। गंभीर चोट के कारण डॉक्टरों ने उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
- प्रशासन नदारद: चौंकाने वाली बात यह रही कि इतनी गंभीर घटना के बावजूद, विद्यालय प्रशासन मौके से नदारद था। घायल छात्र को अस्पताल तक सिर्फ एक भृत्य (Attendant) और एक अतिथि शिक्षक के भरोसे भेज दिया गया।
अभिभावकों से झूठ: “फिसलकर लगी चोट”
घायल छात्र के परिजनों ने विद्यालय प्रशासन पर सच्चाई छिपाने का गंभीर आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार, विद्यालय से उन्हें फोन कर बताया गया था कि बच्चे को “फिसलने से हल्की चोट लगी है”। लेकिन जब परिजन अस्पताल पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि बच्चे के सिर पर टाँके लगे हैं और चोट गंभीर है। परिजनों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यदि समय पर सही इलाज नहीं मिलता, तो उनके बच्चे की जान भी जा सकती थी।
दूसरी घटना: मंगलवार को फिर बहा खून
विद्यालय परिसर में अनुशासन का अभाव मंगलवार को फिर दिखा, जब कक्षा 10 के दो छात्रों में झगड़ा हो गया। इस झड़प में एक और छात्र लहूलुहान हो गया, जिसके सिर से खून बहने लगा।
- स्थानीय हस्तक्षेप: घटना के बाद छात्रों का हुजूम सड़क तक लग गया। इस बार शिक्षकों और स्थानीय नागरिकों ने बीच-बचाव कर स्थिति को शांत कराया।
- उपचार जारी: घायल छात्र का इलाज फिलहाल स्थानीय अस्पताल में जारी है। लगातार दो दिनों में हुई इन हिंसक घटनाओं ने उत्कृष्ट विद्यालय के अनुशासन और सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
प्राचार्य की कार्यशैली पर गंभीर सवाल
उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य पर इस समय कन्या परिसर बीजाडांडी का भी अतिरिक्त प्रभार है। सूत्रों के मुताबिक, कन्या परिसर पहले से ही विवादों में रहा है और अब उत्कृष्ट विद्यालय भी हिंसक घटनाओं का गढ़ बनता जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, प्राचार्य ने हाल ही में स्थानांतरण पर हाईकोर्ट से स्टे लेकर यह पद ग्रहण किया है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह विफल साबित हुए हैं।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि ऐसे गैर-जिम्मेदार अधिकारी, जो दो-दो संस्थानों का प्रभार लेकर भी व्यवस्था नहीं संभाल पा रहे हैं, उनके विरुद्ध तत्काल जांच और कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
शिक्षक अपडाउन, सुरक्षा भगवान भरोसे
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि विद्यालय के कई शिक्षक प्रतिदिन जबलपुर से अपडाउन करते हैं, जिसके चलते उनकी उपस्थिति केवल कागज़ों तक सीमित रहती है। परिसर में छात्रों की निगरानी और सुरक्षा की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। अभिभावकों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है कि लाखों की तकनीक खरीदने वाले जिले में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं है।
अभिभावकों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि उन्हें अब विद्यालय पर भरोसा नहीं रहा और यदि स्कूल में बच्चे सुरक्षित नहीं हैं, तो उनकी पढ़ाई किस काम की है? उत्कृष्ट विद्यालय बीजाडांडी की लगातार बिगड़ती स्थिति जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग की कुंभकर्णी नींद को उजागर करती है।

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