बुरहानपुर (मध्य प्रदेश): ऐतिहासिक नगर बुरहानपुर इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कुछ अलग है। जिले के असीरगढ़ गांव में सोने और चांदी के सिक्के मिलने की अफवाह ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया है। खबर फैलते ही ग्रामीण रात के अंधेरे में खेतों में खुदाई करने पहुंचने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि प्रशासन को जांच के आदेश देने पड़े।
कैसे शुरू हुई खजाने की यह अफवाह?
कुछ दिन पहले नेशनल हाईवे निर्माण कार्य के तहत खुदाई चल रही थी। इसी दौरान JCB से निकली मिट्टी को हारून शेख नामक किसान के खेत में डंप किया गया। बताया जा रहा है कि इसी मिट्टी में मजदूरों को कुछ पुराने सिक्के मिले। यह खबर आग की तरह फैल गई कि ये सिक्के मुगलकालीन सोने और चांदी के हैं।
रातभर जारी है खुदाई, प्रशासन ने लगाई रोक
जैसे ही यह अफवाह फैली, लोग मेटल डिटेक्टर और कुदाल लेकर रात में खेतों की खुदाई करने लगे। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्होंने पुराने सिक्के पाए भी हैं। मामला तब तूल पकड़ गया जब इस खुदाई का वीडियो वायरल हुआ और NDTV सहित कई बड़े मीडिया चैनलों ने इस खबर को कवर किया।
इसके बाद, प्रशासन तुरंत हरकत में आया। SDM और तहसीलदार मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने खेत में खुदे गड्ढों का निरीक्षण किया और खेत मालिक से पूछताछ की। प्रशासन ने खेत की खुदाई पर सख्त रोक लगा दी है।
प्रशासन ने क्या कहा?
बुरहानपुर के SDM ने स्पष्ट किया कि अगर किसी को सिक्के मिले हैं, तो उन्हें प्रशासन को सौंपना होगा। बिना अनुमति कोई भी खुदाई करता पाया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुगल सैनिकों की छावनी थी यहां, क्यों मिल सकते हैं खजाने?
स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि असीरगढ़ पहले एक ऐतिहासिक शहर था, जिसकी जनसंख्या 7-8 लाख थी। इस क्षेत्र के पास सराय नामक गांव में मुगल सैनिकों की छावनी और घोड़ों के अस्तबल हुआ करते थे।
⚔ युद्ध के बाद लौटते समय सैनिक और सूबेदार लूट का सामान खेतों और जमीन में गड्ढा खोदकर छिपा देते थे।
🏺 लोग भी डकैतों और लुटेरों के डर से अपना खजाना जमीन में छिपा दिया करते थे, ताकि वह सुरक्षित रहे।
💰 इसी वजह से इस इलाके में पहले भी सोने-चांदी के सिक्के मिलते रहे हैं, और अब भी मिल रहे हैं।
महिलाओं को मिले थे सिक्के, खुदाई का सिलसिला शुरू!
हाल ही में कुछ महिलाओं को पीतल और सोने के सिक्के मिले, जिनके मिलते ही पूरे गांव में अफवाह फैल गई। इसके बाद खेतों में खुदाई का सिलसिला शुरू हो गया।
- ग्रामीण लोग मेटल डिटेक्टर और कुदाल लेकर खेतों में खुदाई कर रहे हैं।
- कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्हें और सिक्के भी मिले हैं।
- यहां अकबर, नादिर शाह, नासिर फारूकी और ब्रिटिशों का शासन रह चुका है।
- बैंकिंग सिस्टम न होने के कारण लोग अपने धन को जमीन में गड्ढा खोदकर सुरक्षित रखते थे।
- इस क्षेत्र में पुराने सिक्के मिलने की संभावना है, लेकिन वह सोने के ही हैं या नहीं, यह जांच का विषय है।
बुरहानपुर का इतिहास: क्यों यहां मिल सकते हैं सिक्के?
बुरहानपुर को मुगलों का गेटवे भी कहा जाता था। यह शहर 1600 के दशक में एक प्रमुख व्यापारिक और सैन्य केंद्र था। इस शहर की अहमियत इतनी ज्यादा थी कि शाहजहाँ की पत्नी मुमताज महल का निधन यहीं हुआ था और उनकी पहली कब्र बुरहानपुर में ही बनी थी।
📜 बुरहानपुर और मुगलकालीन खजाना:
- बुरहानपुर में मुगलों का टकसाल (मिंट हाउस) था, जहां सोने और चांदी के सिक्के बनाए जाते थे।
- ऐतिहासिक रूप से, व्यापारी और अमीर लोग अपने धन को जमीन में छुपा देते थे, जिससे अब भी पुराने खजाने मिलने की संभावना रहती है।
- असीरगढ़ किला, जिसे ‘दक्कन का द्वार’ भी कहा जाता है, मुगलों, मराठों और अंग्रेजों के शासनकाल में एक महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र था।
खजाने की अफवाह और बॉलीवुड कनेक्शन!
बुरहानपुर इन दिनों बॉलीवुड फिल्म “छावा” को लेकर भी चर्चा में है, जो मुगलकाल की कहानी को दर्शाती है। इस फिल्म में बुरहानपुर के कई ऐतिहासिक पहलुओं को दिखाया गया है।
इतिहासकारों की मांग: सिक्कों को संग्रहालय में रखा जाए
इतिहासकारों का मानना है कि अगर यह सिक्के प्रामाणिक हैं, तो उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए और म्यूजियम में रखा जाना चाहिए। इससे बुरहानपुर के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष: प्रशासन ने दी चेतावनी!
बुरहानपुर के प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और बिना अनुमति खुदाई न करने की अपील की है। अगर सिक्के ऐतिहासिक महत्व के हैं, तो सरकार उनकी जांच कर उचित निर्णय लेगी।
📌 क्या सच में मुगलकालीन खजाना मिल सकता है? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि बिना इजाजत खुदाई करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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बुरहानपुर खजाना मामला: पूरी जानकारी एक नजर में
मामले की जानकारी | विवरण |
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घटना स्थल | असीरगढ़ गांव, बुरहानपुर, मध्य प्रदेश |
खजाने की अफवाह कैसे फैली? | हाईवे निर्माण के दौरान खुदाई में पुराने सिक्के मिले |
लोग क्या कर रहे हैं? | मेटल डिटेक्टर और कुदाल लेकर रातभर खुदाई |
प्रशासन की प्रतिक्रिया | SDM और तहसीलदार मौके पर पहुंचे, खुदाई पर रोक |
इतिहासकारों की राय | बुरहानपुर में मुगलों की टकसाल थी, सिक्के मिलने की संभावना |
प्रशासन की चेतावनी | बिना अनुमति खुदाई करने पर कानूनी कार्रवाई होगी |
क्या बुरहानपुर में खजाना हो सकता है? | ऐतिहासिक दृष्टि से संभव, पर वैज्ञानिक प्रमाण नहीं |
📌 क्या आप मानते हैं कि बुरहानपुर की ज़मीन के नीचे अभी भी खजाना छुपा हो सकता है? अपनी राय कमेंट में दें!