बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों ने सब तरफ हाहाकार मचा रखा है और ऐसे में हर कोई माइलेज करो की तरफ ही रुख कर रहा है. ऐसे में अगर अआप्को भी अपनी कार का माइलेज बढ़ाना है तो आप इसे 50-70 किमी/घंटा की स्पीड पर चलाना चाहिए. बता दे की इस स्पीड रेंज में आपकी कार का इंजन सबसे अधिक प्रभावी ढंग से काम करता है, जिससे फ्यूल की खपत कम होती है और माइलेज अधिक मिलता है. और इससे इंजन पर भी कम दबाव पड़ता है. जिससे की कम ईंधन की बर्बादी होती है. वही ज्यादा एक्सलरेटर और ब्रेक भी माइलेज कम कर देता है.
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कार की गति और माइलेज पर प्रभाव डालने वाले अन्य कारक
इंजन का प्रकार: पेट्रोल, डीजल या हाइब्रिड इंजन वाली कारों के लिए माइलेज को प्रभावित करने वाले कारक अलग-अलग हो सकते हैं। विभिन्न कारों के इंजन अलग-अलग होते हैं और उनकी इष्टतम गति भी अलग-अलग हो सकती है।
कार का वजन: कार में अधिक वजन होने पर माइलेज कम हो सकता है। हवा, बारिश, और तापमान जैसी स्थितियां भी माइलेज को प्रभावित करती हैं।
एयर कंडीशनर का उपयोग: एयर कंडीशनर का उपयोग करने से भी माइलेज कम हो सकता है। उबड़-खाबड़ सड़कों पर या भारी ट्रैफिक में कार चलाने से माइलेज कम हो सकता है।
टायर का दबाव: टायर का सही दबाव बनाए रखना भी माइलेज को बढ़ाने में मदद करता है। कम प्रेशर वाले टायर अधिक ईंधन खपत कर सकते हैं.
इंजन ऑयल और फिल्टर: खराब इंजन ऑयल या फिल्टर से इंजन की दक्षता कम हो जाती है। इसके अलावा खराब व्हील अलाइनमेंट या बैलेंसिंग से टायर जल्दी खराब होते हैं और ईंधन की खपत बढ़ जाती है।