दुनियाभर में भारतीय चंदन की लकड़ी को काफी पसंद किया जाता है. इसकी खुशबू ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी इसकी आर्थिक महत्विता काफी अधिक है. चंदन की लकड़ी बहुत ऊंचे दामों में बिकती है. भारत में इसकी खेती ज्यादातर कर्नाटक के जंगलों में की जाती है, हालांकि अब कुछ अन्य इलाकों में भी इसकी खेती शुरू हो गई है. खेती के साथ-साथ अब किसान चंदन की खेती भी कर रहे हैं, जो उनके लिए काफी लाभदायक साबित हो सकती है.
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बागवानी विशेषज्ञ की राय
बागवानी विशेषज्ञ मोहम्मद आलम खान का कहना है कि चंदन की लकड़ी की दुनियाभर में मांग है. इसका इस्तेमाल आयुर्वेद के साथ-साथ कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने में भी किया जाता है. चंदन की खेती कर के किसान कुछ ही सालों में काफी अमीर बन सकते हैं. इसकी खास बात ये है कि किसान इसे पूरे खेत में नहीं लगा सकते, तो खेत की किनारों पर लगाकर के बीच में दूसरी फसलें भी उगा सकते हैं. एक चंदन के पेड़ से 5 से 6 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है.
कैसे करें चंदन की खेती?
एक एकड़ खेत में लगभग 600 चंदन के पौधे लगाए जा सकते हैं. एक चंदन का पौधा तैयार होने में लगभग 12 साल का समय लगता है. इससे 15 से 20 किलो तक लकड़ी निकलती है, जिसे बेचकर किसान 30 लाख रुपये तक कमा सकते हैं.
सबसे पहले ध्यान रखने वाली बात ये है कि जिस खेत में चंदन की खेती करनी है, वहां पानी का अच्छा निकास होना चाहिए. गीली या जलभराव वाली जमीन में चंदन के पौधे नहीं लगाए जा सकते. चंदन का पौधा लगाते समय उसके साथ एक सहारा देने वाला पौधा भी लगाना चाहिए.
सहारे वाले पौधे का महत्व
मोहम्मद आलम खान बताते हैं कि चंदन के पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए सहारे वाले पौधे को 4 से 5 फीट की दूरी पर लगाना चाहिए. जब सहारे वाले पौधे की जड़ें, चंदन के पौधे की जड़ों से मिलती हैं, तो चंदन का पौधा तेजी से बढ़ता है.
बागवानी विशेषज्ञ मोहम्मद आलम बताते हैं कि एक चंदन के पौधे से 15 से 20 किलो लकड़ी मिलती है. ये पौधे नर्सरी से 100 से 120 रुपये प्रति पौधा की दर से खरीदे जा सकते हैं. इसके अलावा साथ में लगाए जाने वाले सहारे वाले पौधे की कीमत 50 से 60 रुपये के बीच होती है.
चंदन के पौधों की सुरक्षा
जब चंदन का पौधा 8 साल का हो जाता है, तो उसकी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस उम्र में पौधे से एक खास तरह की खुशबू आनी शुरू हो जाती है, जिसे खाने के लिए जंगली जानवर पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए किसानों को खेत की चारों तरफ बाड़ लगाकर सुरक्षा करनी चाहिए.