लखनऊ कोर्ट ने टीवी पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। यह Breaking News आज तक के एक शो को लेकर है, जिस पर विभाजनकारी और भड़काऊ कंटेंट प्रसारित करने का आरोप है। जानें इस Latest Update से जुड़ी पूरी जानकारी।

लखनऊ, उत्तर प्रदेश। लखनऊ की एक अदालत ने आज तक न्यूज चैनल की पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश पूर्व IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर द्वारा दायर की गई एक शिकायत पर दिया गया है, जिसमें 14 अगस्त, 2025 को प्रसारित कार्यक्रम को विभाजनकारी और भड़काऊ बताया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता के खिलाफ था और इसका उद्देश्य दो समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करना था।
यह पूरा मामला आज तक न्यूज़ चैनल पर 14 अगस्त, 2025 को प्रसारित हुए एक कार्यक्रम से जुड़ा है। कार्यक्रम ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ के उस एपिसोड का शीर्षक था, ‘भारत विभाजन का मकसद पूरा क्यों नहीं हुआ?’ पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने इस कार्यक्रम को ‘बेहद घटिया’ और ‘अनुचित’ बताते हुए इसके खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। उनका आरोप है कि कार्यक्रम का एकमात्र उद्देश्य दो प्रमुख समुदायों को विभाजित करना था।
Also Read: प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का इस्तीफ़ा: नेपाल में राजनीतिक संकट और सरकार विरोधी प्रदर्शन
याचिका में तर्क दिया गया है कि यह कार्यक्रम ‘बेहद ज़हरीला, विनाशकारी, खतरनाक और विभाजनकारी’ था और यह पूरी तरह से राष्ट्रीय एकता के खिलाफ था। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि कार्यक्रम में तथ्यों को इस तरह से प्रस्तुत किया गया, जिससे जनता को भड़काया जा सके। उनका यह भी आरोप है कि कार्यक्रम का उद्देश्य स्पष्ट रूप से नापाक थे।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अमिताभ ठाकुर ने अपनी याचिका में बताया है कि इस कार्यक्रम को आज तक के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) और यूट्यूब हैंडल पर भी पोस्ट किया गया था। इसका कैप्शन था: ‘4 करोड़ मुसलमानों में से सिर्फ़ 96 लाख पाकिस्तान गए! भारत विभाजन का मकसद पूरा क्यों नहीं हुआ?’

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा, “यह कार्यक्रम पूरी तरह से अनुचित और बेहद घटिया तरीके से बनाया गया था। इसका एकमात्र उद्देश्य दो प्रमुख समुदायों को विभाजित करना था। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता के खिलाफ था और तथ्यों को इस तरह प्रस्तुत किया गया कि जनता को भड़काया जा सके।
याचिका में दावा किया गया है कि यह सवाल पूछना कि जब विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था तो वे पाकिस्तान क्यों नहीं गए, मुसलमानों से यह सवाल करने जैसा है कि वे भारत में क्यों हैं। इससे दूसरे समुदाय के लोगों में भी असहिष्णुता पैदा हो सकती है, जिससे वे उकसावे में आकर ऐसा व्यवहार कर सकते हैं, जैसे कि वे कोई ‘ऐतिहासिक सुधार’ कर रहे हों।
Also Read: भारत से कचरा निर्यात: 15 मौके जो बदल देंगे आपकी किस्मत, जानें लाखों कमाने का रास्ता
ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि यह कार्यक्रम ‘भड़काऊ, खतरनाक और उन्मादी प्रकृति का’ है। उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील ऐतिहासिक घटना को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से उठाता है। याचिका में यह भी कहा गया कि कार्यक्रम में ऐतिहासिक रूप से गलत जानकारी दी गई, क्योंकि भारत के नेताओं ने उस समय यह फैसला लिया था कि भारत सभी धर्मों का राष्ट्र होगा, न कि सिर्फ एक धर्म का।
शिकायतकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय न्याय संहिता के तहत परिभाषित अपराधों की श्रेणी में आता है, जो धर्म के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित हैं। उन्होंने पहले गोमतीनगर में पुलिस से एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया था, लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर एफआईआर दर्ज नहीं की, जिसके बाद उन्हें अदालत का रुख करना पड़ा।

पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश, देश में पत्रकारिता के मानकों और उनकी जवाबदेही को लेकर एक नई मिसाल कायम कर सकती है। इस घटना का सार्वजनिक और राजनीतिक परिदृश्य पर भी असर पड़ सकता है। एक तरफ, यह उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है जो हेट स्पीच और विभाजनकारी कंटेंट पर लगाम लगाने की मांग कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर, कुछ लोग इसे मीडिया पर दबाव डालने की कोशिश के तौर पर देख सकते हैं। यह मामला भविष्य में कई सरकारी आदेशों और मीडिया गाइडलाइन्स को प्रभावित कर सकता है।
यह मामला मीडिया की जिम्मेदारी और कानूनी सीमाओं पर सवाल खड़ा करता है। आने वाले समय में मीडिया को संवेदनशील मुद्दों पर कार्यक्रम प्रसारित करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी। अदालत का यह आदेश भविष्य में इसी तरह के मामलों के लिए एक मिसाल बन सकता है।

- MP Jankranti News Website: www.mpjankrantinews.in
- Follow MP Jankranti News: Twitter | Facebook | Instagram
- अपने व्हाट्सएप नंबर पर मध्यप्रदेश की भर्तियों स्कूल कॉलेज, सरकारी विभागों की जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे दिए दी गई लिंक से व्हाट्सएप पर जुड़े Telegram और WhatsApp चैनल से जुड़ें!