Credit Score: क्या होता है क्रेडिट स्कोर और क्या होता है इस का महत्व और इसे बेहतर बनाने के क्या है उपाय, जानिए

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Credit Score: आज के समय में क्रेडिट स्कोर काफ़ी अहम हो गया है. बैंक या कोई भी वित्तीय संस्थान आपको लोन, क्रेडिट कार्ड या अन्य वित्तीय सेवाएं देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर जरूर देखता है. दूसरे शब्दों में कहें तो क्रेडिट स्कोर आपके लिए वित्तीय दुनिया में पहचान का काम करता है.

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क्रेडिट स्कोर क्या है

भारत में क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच का होता है. 300-549 का स्कोर खराब माना जाता है. इस स्थिति में आम तौर पर लोन मिलना मुश्किल हो जाता है. 550 से 649 को औसत माना जाता है, लोन मिल सकता है लेकिन ब्याज दर (Interest Rate) ज्यादा हो सकती है. 650 से 749 अच्छा माना जाता है, इस स्कोर पर आपको सामान्य ब्याज दर पर लोन मिल सकता है. 750 से 799 काफी अच्छा माना जाता है और आपको आकर्षक ब्याज दरों पर लोन मिल सकता है. 800 से 900 शानदार माना जाता है और आपको बाजार से कम दरों पर लोन मिल सकता है. हालांकि, लोन लेने में उम्र, रोजगार की स्थिति, आय या वेतन आदि चीजें भी अहम होती हैं.

क्रेडिट स्कोर कैसे तैयार होता है

भारत में चार क्रेडिट ब्यूरो मिलकर आपका क्रेडिट स्कोर तैयार करते हैं. ये हैं – इक्विफैक्स, ट्रांसयूनियन सिबिल, एक्सपीरियन और क्रिफ हाईमार्क. यह संस्थाएं लोन चुकाने का इतिहास, क्रेडिट उपयोग, उधार लेने का तरीका और क्रेडिट इतिहास के आधार पर आपका स्कोर तय करती हैं.

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क्रेडिट स्कोर बेहतर बनाने के उपाय

  • समय पर भुगतान करें: अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान करें और लोन की मासिक किस्त (EMI) समय पर जमा करें. ऐसा न करने पर आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर मानी जाती है और स्कोर कम हो सकता है.
  • बार-बार लोन के लिए आवेदन ना करें: जब आप किसी भी प्रकार के लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक या वित्तीय संस्था आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करवाती है. इसे हार्ड इंक्वायरी (Hard Inquiry) कहा जाता है. हर बार जांच होने पर स्कोर थोड़ा कम हो सकता है. इसलिए बेहतर स्कोर बनाए रखने के लिए बार-बार लोन के लिए आवेदन ना करें.
  • क्रेडिट कार्ड का सीमित इस्तेमाल करें: अगर आपका क्रेडिट कार्ड है तो उसे एक सीमित अनुपात में ही इस्तेमाल करें. इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से आप पर आर्थिक बोझ दिखता है और स्कोर कम हो सकता है. अच्छा स्कोर बनाए रखने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल उसकी सीमा से 30% से कम रखें.
  • लोन सेटलमेंट ना करें: अगर आप लोन चुकाने में असमर्थ हैं तो उसे सेटल ना कराएं. इससे आपका बोझ तो कम हो सकता है लेकिन स्कोर काफी प्रभावित होता है. भविष्य में लोन लेने में दिक्कतें आ सकती हैं.
  • अपने क्रेडिट स्कोर की निगरानी करें: कई बार बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाएं क्रेडिट ब्यूरो को पूरी जानकारी नहीं भेजतीं या गलत जानकारी भेज देती हैं. इससे आपका स्कोर कम हो सकता है. ऐसा ना हो, इसके लिए नियमित अंतराल पर अपने क्रेडिट स्कोर को चेक करते रहे.
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