इस मसाले की खेती बना देंगी देखते ही देखते आमिर, 1000 रु किलो के हिसाब से बिकती है यह, जानिए

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देश में कई तरह की फसलों की खेती की जाती है और दालचीनी उसी में से एक है, दालचीनी एक सुगंधित मसाला है जो मुख्य रूप से दालचीनी के पेड़ की छाल से प्राप्त होता है। दालचीनी, एक बहुमूल्य मसाला होने के साथ-साथ एक आकर्षक व्यावसायिक विकल्प भी है। इसकी खेती भारत के कई हिस्सों में की जाती है और इसकी मांग भी लगातार बढ़ रही है। तो आइये जानते है इसकी खेती के बारे में. ..

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दालचीनी की खेती के लिए अनुकूल जलवायु और मिट्टी

  • जलवायु: दालचीनी गर्म और आर्द्र जलवायु में अच्छी तरह से बढ़ती है। समुद्र तल से 1500 मीटर तक की ऊंचाई पर इसकी खेती की जा सकती है।
  • मिट्टी: दालचीनी के लिए गहरी, उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।

दालचीनी की किस्में

  • सीलोन दालचीनी
  • चीन दालचीनी
  • कासिया दालचीनी

दालचीनी की खेती

दालचीनी को बीज से उगाया जा सकता है, लेकिन यह प्रक्रिया काफी समय लेने वाली होती है। दालचीनी को कटिंग से उगाना अधिक आसान और तेज़ होता है। इस विधि में पौधे की एक शाखा को जमीन में दबाकर नया पौधा तैयार किया जाता है। दालचीनी को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मियों के मौसम में। दालचीनी के पौधों को समय-समय पर उर्वरक देने की आवश्यकता होती है। इसमें खरपतवारों को समय-समय पर हटाते रहना चाहिए। दालचीनी के पौधों पर कई प्रकार के कीट लग सकते हैं, इसलिए कीटनाशकों का प्रयोग करना आवश्यक हो सकता है।

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दालचीनी की कटाई

दालचीनी की कटाई पौधे के 3-4 साल के होने पर की जा सकती है। कटाई के लिए पौधे की मुख्य शाखा को जमीन से लगभग 30 सेमी ऊपर से काट दिया जाता है। कई राज्यों में तो दालचीनी की खेती पर सब्सिडी भी दी जाती है. कमाई की बात करे तो बाजार में इसका भाव 600 से 1000 रु किलो तक रहता है. इसकी खेती से किसान देखते ही देखते आमिर बन सकते है.

Arshad Khan

Arshad Khan is a digital marketing expert and journalist with over 11 years of freelance experience in the media industry. Before joining MP Jankranti News, he worked with SR Madhya Pradesh News as a freelancer, focusing on digital growth and audience engagement. For the past 6 years, he has been contributing to MP Jankranti News through news coverage, content strategy, and digital outreach. His expertise lies in combining journalism with digital marketing techniques to maximize organic reach and reader engagement.

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