सागर/देवरी। बुंदेलखंड के सागर जिले की देवरी विधानसभा में एक पटवारी से जुड़ा विवाद अब प्रशासनिक कार्रवाई से आगे बढ़कर राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन का रूप ले चुका है। भाजपा विधायक बृजबिहारी पटेरिया मंगलवार को करीब 300 वाहनों के काफिले के साथ जिला मुख्यालय पहुंचे और संबंधित पटवारी के निलंबन की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान कलेक्टोरेट के बाहर सड़क पर प्रदर्शन भी किया गया, जिससे कुछ समय के लिए यातायात प्रभावित रहा।
यह घटनाक्रम उस विवाद के चार दिन बाद सामने आया है, जिसमें देवरी तहसील के गौरझामर मौजा में पदस्थ पटवारी दुर्गेश चढ़ार ने विधायक पर कथित रूप से थप्पड़ मारने और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया था। पटवारी ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी, हालांकि पुलिस द्वारा तत्काल कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।
पटवारी संघ और विधायक आमने-सामने
पटवारी के आरोप सामने आने के बाद सागर जिले के पटवारी संघ ने एकजुट होकर कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया था। संघ ने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी और चेतावनी दी थी कि कार्रवाई न होने की स्थिति में जिलेभर में कामबंद हड़ताल की जाएगी। इसके ठीक बाद विधायक द्वारा किया गया यह शक्ति प्रदर्शन प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
भ्रष्टाचार के आरोप और नारेबाजी
विधायक के समर्थन में आए कार्यकर्ताओं और किसानों ने प्रदर्शन के दौरान संबंधित पटवारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। प्रदर्शनकारियों ने “भ्रष्ट पटवारी मुर्दाबाद”, “पटवारी को निलंबित करो” जैसे नारे लगाए। मौके पर भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी, क्षेत्रीय नेता और बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहे।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, गौरझामर क्षेत्र में एक कार्यक्रम के दौरान विधायक और पटवारी के बीच विवाद हुआ था। पटवारी दुर्गेश चढ़ार का आरोप है कि विधायक ने उनके साथ गाली-गलौज की और शारीरिक रूप से अपमानित किया। वहीं विधायक समर्थकों का कहना है कि पटवारी पर पहले से भ्रष्टाचार के आरोप हैं और कार्रवाई की मांग इसी आधार पर की जा रही है।
प्रशासन के सामने चुनौती
यह मामला अब प्रशासन के लिए संवेदनशील बन गया है। एक ओर पटवारी संघ कार्रवाई की मांग कर रहा है, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि द्वारा खुले तौर पर शक्ति प्रदर्शन किया गया। प्रशासनिक स्तर पर अब दोनों पक्षों के आरोपों की निष्पक्ष जांच और कानूनसम्मत निर्णय की अपेक्षा की जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद केवल व्यक्तिगत टकराव नहीं रह गया है, बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता, जनप्रतिनिधियों की भूमिका और सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा जैसे सवाल भी खड़े कर रहा है।
रिपोर्टर
सोनू प्रजापति
मोबाइल: 7582995977
MP Jankranti News | सागर

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