देवास। शारदीय नवरात्र पर्व के समापन के बाद शनिवार सुबह माता टेकरी पर स्थित मां चामुंडा माता और मां तुलजा भवानी की कुल 24 दान पेटियों को खोला गया। इस पूरी गिनती प्रक्रिया में 52 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई। दान में केवल धन ही नहीं, बल्कि भक्तों की अनोखी भावनाएं और विदेशी मुद्राएँ भी निकलीं, जो पूरे आयोजन को अविस्मरणीय बना गई।
Quick Highlights
- शारदीय नवरात्र के बाद माता टेकरी पर मां चामुंडा और मां तुलजा भवानी की 24 दान पेटियाँ खोली गईं।
- दान पेटियों से 52 लाख रुपये की कुल धनराशि निकली।
- इसमें नकद 43 लाख, ऑनलाइन 5.40 लाख और रसीदों से 3.41 लाख रुपये शामिल हैं।
- दान में सिंगापुर, नेपाल, सऊदी अरब समेत कई देशों की विदेशी मुद्राएँ प्राप्त हुईं।
- पेटियों से मिले पत्रों में भक्तों ने शादी, अच्छी नौकरी, शहर के विकास और प्लास्टिक बैन की मन्नतें मांगी हैं।
देवास से संवाददाता भालचंद्र तिवारी की रिपोर्ट: आस्था और पारदर्शिता का संगम
देवास में नवरात्र के बाद दान पेटियाँ खुलना हमेशा से ही उत्सुकता का विषय रहा है। इस बार शनिवार सुबह तहसीलदार सपना शर्मा की उपस्थिति में 100 से अधिक पटवारियों और राजस्व कर्मचारियों की टीम ने यह पूरी गिनती की। सुबह शुरू हुआ यह काम शाम तक चलता रहा, जिसमें पूरी तरह से सुरक्षा और पारदर्शिता बनाए रखी गई।
धन, धातु और विदेशी मुद्रा का दान
गिनती के बाद सामने आया कि भक्तों ने माता के चरणों में कुल 52 लाख रुपये की धनराशि समर्पित की है। इस राशि में:
- नकद दान: लगभग 43 लाख रुपये
- ऑनलाइन दान: 5 लाख 40 हजार रुपये
- रसीदों के माध्यम से: 3 लाख 41 हजार रुपये
तहसीलदार सपना शर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार दान राशि कुछ कम प्राप्त हुई है, लेकिन यह भक्तों की अटूट आस्था और माता के प्रति समर्पण का प्रतीक है। नकद और पैसों के अलावा, दान पेटियों से चांदी के छत्र, पायल, बिछिया जैसी अन्य धातु सामग्री भी प्राप्त हुई।
विदेशी करेंसी बनी आकर्षण का केंद्र
इस बार दान पेटियों से मिली विदेशी मुद्राएँ आकर्षण का केंद्र रहीं। भक्तों द्वारा चढ़ाई गई विदेशी करेंसी में सिंगापुर, नेपाल, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड, थाईलैंड और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के नोट और सिक्के पाए गए। इन मुद्राओं को बैंक में जमा कराया गया है, जो इन्हें भारतीय मुद्रा में परिवर्तित करेगा।
चिट्ठियों में निकली भक्तों की मनोकामनाएं
दान पेटियों से केवल धन ही नहीं, बल्कि भक्तों की भावनाएं और मनोकामनाएं भी बाहर आईं। पेटियों में मिले अनेक पत्रों में लोगों ने माता रानी से अपनी शादी की इच्छा, अच्छी नौकरी और शहर के विकास की प्रार्थना की है। कुछ भक्तों ने तो जनप्रतिनिधियों को सद्बुद्धि देने की भी प्रार्थना की। स्थानीय मुद्दों पर भी भक्तों ने अपनी आवाज उठाई—कुछ लोगों ने प्लास्टिक बैन और अतिक्रमण मुक्त देवास के लिए भी माता से निवेदन किया।
गौरतलब है कि इस बार नवरात्र में कमिश्नर द्वारा टेकरी परिसर से धार्मिक फ्लेक्स और बैनर हटाए जाने के बाद भी भक्तों की श्रद्धा में कोई कमी नहीं आई। दस दिनों तक चले उत्सव में लाखों श्रद्धालु मां के दरबार पहुँचे, जिससे भक्ति, आस्था और दान का एक अद्भुत संगम देखने को मिला।

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