मध्य प्रदेश के देवास में पुलिस ने दो बड़े अभियानों ‘ऑपरेशन फास्ट’ और ‘ऑपरेशन साइबर’ के तहत बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में फर्जी सिम कार्ड रैकेट और ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें कई आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।
देवास, मध्य प्रदेश – मध्य प्रदेश के देवास जिले में पुलिस ने साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अलग-अलग अभियानों ‘ऑपरेशन फास्ट’ और ‘ऑपरेशन साइबर’ में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। देवास के पुलिस अधीक्षक (SP) पुनीत गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन कार्रवाइयों का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने न केवल फर्जी सिम कार्ड रैकेट का पर्दाफाश किया है, बल्कि ऑनलाइन ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह को भी गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई साइबर अपराधियों के लिए एक सख्त संदेश है कि वे अब कानून की पकड़ से बच नहीं पाएंगे।
ये दोनों अभियान राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय, भोपाल के निर्देश पर चलाए गए, जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों पर लगाम लगाना और आम जनता को ऐसे अपराधों से बचाना है।
ऑपरेशन फास्ट: फर्जी सिम कार्ड रैकेट का भंडाफोड़
ऑपरेशन फास्ट अभियान के तहत देवास पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीर सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में कोतवाली पुलिस की एक विशेष टीम ने जांच शुरू की। इस जांच में यह खुलासा हुआ कि कुछ आरोपी फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके सिम कार्ड खरीद रहे थे और उनका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी और धोखाधड़ी के लिए कर रहे थे।
जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी सिम से कई बैंक खातों का संचालन भी किया जा रहा था, जिससे एक बड़ा धोखाधड़ी का नेटवर्क चल रहा था। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं: आकाश सिंह ठाकुर, लखन पाल, आकाश ताडे, प्रतीक शर्मा और मयंक कक्कर। पुलिस ने उनके पास से ₹20,000 नकद, कई मोबाइल फोन और फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं। यह कार्रवाई दिखाती है कि कैसे साइबर अपराधी अपने नेटवर्क को चलाने के लिए फर्जी पहचान का सहारा लेते हैं।
ऑपरेशन साइबर: ऑनलाइन ट्रेडिंग ठगी का खुलासा
इसी तरह की एक और बड़ी कार्रवाई ऑपरेशन साइबर के तहत हाटपिपलिया पुलिस ने की है। इस मामले में, हरिओम पाटीदार नामक व्यक्ति से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर ₹9,30,921 की ठगी की गई थी। हरिओम ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद देवास की साइबर सेल ने मामले की जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि ठगी की गई राशि एक बैंक ऑफ बड़ौदा के खाते में ट्रांसफर की गई थी, जिसका संबंध देवास से था। पुलिस ने खाताधारक निखिल सिंह को ट्रैक किया, जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने अपना खाता राजस्थान के कुछ लोगों को किराए पर दिया हुआ था। इस खुलासे के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और देवास, राजस्थान के जयपुर और बीकानेर में दबिश दी।
पुलिस ने तत्परता से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनके पास से ₹8,56,000 नकद, 12 सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई इस बात का प्रमाण है कि online fraud और financial crimes को अंजाम देने वाले गिरोह किस तरह से अंतरराज्यीय नेटवर्क के जरिए काम करते हैं।

पुलिस अधिकारियों का बयान और भविष्य की योजना
इन दोनों कार्रवाइयों से देवास पुलिस की तत्परता और कार्यकुशलता की सराहना की जा रही है। पुलिस अधीक्षक पुनीत गहलोत ने प्रेस वार्ता में बताया कि इन कार्रवाइयों से ठगों पर नकेल कसी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि देवास पुलिस साइबर अपराधों पर रोक लगाने और आम लोगों को जागरूक करने का अभियान लगातार जारी रखेगी। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, अपनी बैंक डिटेल्स किसी के साथ साझा न करें और किसी भी तरह की ऑनलाइन ठगी होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
साइबर अपराधों के खिलाफ यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण government order के तहत आने वाले निर्देशों का पालन है, जिसका उद्देश्य डिजिटल इंडिया में नागरिकों को सुरक्षित रखना है।
FAQs: इस मामले से जुड़े प्रमुख सवाल-जवाब
Q1: देवास पुलिस ने कौन से दो बड़े ऑपरेशन चलाए हैं? A: देवास पुलिस ने ऑपरेशन फास्ट और ऑपरेशन साइबर नाम के दो बड़े अभियान चलाए हैं।
Q2: ‘ऑपरेशन फास्ट’ में क्या बरामद हुआ? A: Operation Fast के तहत पुलिस ने फर्जी सिम कार्ड रैकेट का पर्दाफाश किया और ₹20,000 नकद के साथ मोबाइल फोन और सिम कार्ड जब्त किए।
Q3: ‘ऑपरेशन साइबर’ में कितने रुपये की ठगी का खुलासा हुआ? A: Operation Cyber के तहत ऑनलाइन ट्रेडिंग में ₹9,30,921 की ठगी का खुलासा हुआ, जिसमें से ₹8,56,000 नकद बरामद किए गए।
Q4: गिरफ्तार आरोपियों ने क्या स्वीकार किया? A: फर्जी सिम रैकेट के आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करना और ऑनलाइन ठगी गिरोह के सदस्यों ने बैंक खाते को किराए पर देना स्वीकार किया।
Q5: क्या ठगी का गिरोह सिर्फ देवास में सक्रिय था? A: नहीं, जांच में खुलासा हुआ है कि ठगी का यह गिरोह देवास के साथ-साथ राजस्थान के जयपुर और बीकानेर में भी सक्रिय था।
Q6: देवास के SP का क्या बयान है? A: SP Punit Gehlot ने कहा कि साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा।
देवास पुलिस की यह दोहरी कार्रवाई साइबर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत और निर्णायक कदम है। यह साफ संदेश है कि अपराधी चाहे किसी भी तकनीक का इस्तेमाल करें, कानून की पहुंच से बच नहीं पाएंगे। यह घटना आम लोगों के लिए भी एक सबक है कि वे online transactions और digital identity को लेकर बेहद सतर्क रहें। पुलिस का यह अभियान न केवल अपराधियों को पकड़ने में सफल रहा, बल्कि इसने समाज में साइबर जागरूकता की आवश्यकता को भी उजागर किया है।
By भालचंद्र तिवारी, देवास संवाददाता

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