मासूमों के हाथ से क़लम छीन कर थमाया फावड़ा: मनरेगा कार्य में नाबालिगों से करवाई जा रही मजदूरी

By
On:
Follow Us

धुलकोट, मध्यप्रदेश — देश के भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को जब स्कूल की किताबों की जगह कंधे पर मिट्टी से भरी तसली और हाथों में फावड़ा पकड़ा दिया जाए, तो यह सवाल खड़ा होता है: क्या वाकई इस तरह होगा देश का विकास?

धुलकोट क्षेत्र के ग्राम कोलियाबड़ी में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत हो रहे तालाब निर्माण कार्य में नाबालिग बालक-बालिकाओं से खुलेआम मजदूरी करवाई जा रही है। यह मामला तब सामने आया जब MP जनक्रांति न्यूज़ के संवाददाता दिलीप बामनिया मौके पर पहुंचे और हकीकत को कैमरे में कैद किया।

बच्चों से हो रहा मजदूरी का काम

तालाब निर्माण कार्य आलबसिंग के खेत के पास चल रहा है। यहां कई स्कूली बच्चों को फावड़ा, कुदाल और तसली के साथ काम करते देखा गया। जिन मासूमों के हाथ में आज किताबें होनी चाहिए थीं, उनके नन्हें हाथों में मजदूरी का औजार थमा दिया गया। ये बच्चे प्राथमिक और जूनियर स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन अब वे शिक्षा के अधिकार से वंचित होकर दिहाड़ी मजदूर बन चुके हैं।

जिम्मेदार चुप, सरपंच ने की अभद्रता

जब रिपोर्टर ने इस विषय में गांव के सरपंच और सचिव से जवाब मांगा, तो किसी ने भी स्पष्ट उत्तर देने से इनकार कर दिया। उल्टा सरपंच ने संवाददाता के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और मामले को दबाने की कोशिश की।

खुलेआम उड़ाई जा रही हैं सरकारी नियमों की धज्जियां

सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश हैं कि मनरेगा जैसी योजनाओं में 18 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को मजदूरी पर नहीं लगाया जा सकता। यह न सिर्फ श्रम कानूनों का उल्लंघन है बल्कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE Act) की भी सीधी अवहेलना है।

इन नाबालिग बच्चों की मजदूरी सीधे उनके अभिभावकों के खातों में डाली जा रही है, ताकि किसी को शक न हो। मगर हकीकत यह है कि बच्चों से ही काम करवाया जा रहा है, जिससे उनका बचपन और भविष्य दोनों खतरे में है।

क्या इसी तरह होगा “नए भारत” का निर्माण?

सरकार एक तरफ बच्चों को शिक्षित करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील योजना, और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग जैसे कार्यक्रमों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ जमीनी हकीकत यह है कि ग्राम पंचायतें इन बच्चों को शिक्षित करने की बजाय उनसे मजदूरी करवाकर योजनाओं का दुरुपयोग कर रही हैं।

प्रशासन और समाज की ज़िम्मेदारी

यह मामला सिर्फ कोलियाबड़ी या धुलकोट तक सीमित नहीं है। देश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में इसी तरह बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है। यह समय है जब प्रशासन को त्वरित जांच कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई बच्चा शिक्षा से वंचित होकर मजदूरी के लिए मजबूर न हो।

यह घटना देश के “डिजिटल इंडिया” और “नए भारत” की उस तस्वीर को धुंधला कर देती है जिसमें हर बच्चा शिक्षित, सशक्त और सुरक्षित हो। यदि बच्चों से मजदूरी करवाई जाती रही, तो देश का भविष्य कभी उज्ज्वल नहीं हो सकता। समाज और प्रशासन दोनों को मिलकर इस तरह के शोषण को रोकने की आवश्यकता है।


📰 MP Jankranti News — मध्य प्रदेश की हर खबर, सबसे पहले

👉 मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए Jankranti News से जुड़े रहें! यहां पढ़ें www.mpjankrantinews.in MP Jankranti News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

For Feedback - newsmpjankranti@gmail.com

Leave a Comment