देश में कई तरह के फसलों की खेती होती है और एवोकाडो की भी एवोकाडो एक स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है जिसकी मांग दुनिया भर में तेजी से बढ़ रही है। भारत में भी एवोकाडो की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसकी खेती करने के लिए उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। इसे विदेशी फल भी कहते है. आइये जानते है इसके बारे में. ..
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एवोकाडो के पौधे की विशेषताएं
एवोकाडो का पेड़ 15 से 20 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। इसके पत्ते चमकदार हरे रंग के होते हैं। फल गोल या अंडाकार होता है और इसका रंग हरा, पीला या काला हो सकता है। फल के अंदर एक बड़ा बीज होता है। इसके लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान सबसे उपयुक्त होता है। और 1000 से 2000 मिमी वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है। गहरी, उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है.
ऐसे करे इसकी खेती
एवोकाडो के बीजों को बोकर या ग्राफ्टिंग के माध्यम से पौधे तैयार किए जाते हैं। इसकी खेत को अच्छी तरह से जोतकर तैयार किया जाता है। पौधे को गड्ढे में लगाकर पानी दिया जाता है। नियमित रूप से सिंचाई की आवश्यकता होती है। समय-समय पर खाद डालनी चाहिए। फल पकने पर इसे तोड़कर एकत्र किया जाता है। एवोकाडो के पेड़ को कई तरह के कीड़े लग सकते हैं। और एवोकाडो के पेड़ कई तरह के रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं। इसका ध्यान रखना बहुत जरुरी है.
एवोकाडो की खेती से कमाई
कीमत की बात करे तो एवोकाडो की कीमत भारतीय बाजार में एक किलो एवोकाडो की कीमत इस वक्त भारतीय बाजार में लगभग 1500 से 2000 रुपये के बीच है. यही वजह है कि लोग इस फल को किलो में नहीं बल्कि एक या दो पीस के तौर पर खरीदते हैं. विदेशी बाजार में तो ये फल और भी ज्यादा ऊंची कीमत पर बिकता है.