Fake Degree Racket: प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की भी फर्जी डिग्रियां बरामद
आगरा में एसटीएफ (STF) की टीम ने फर्जी डिग्री और मार्कशीट तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट का सरगना धनेश मिश्रा है, जिसकी दुकान और घर पर छापा मारकर मंगलायतन विश्वविद्यालय, सुभारती विश्वविद्यालय, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई नामी विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां बरामद की गई हैं।
फर्जी डिग्री घोटाले का मास्टरमाइंड धनेश मिश्रा गिरफ्तार
🔹 गिरोह में 20 से अधिक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कर्मचारी शामिल थे।
🔹 छापेमारी में सैकड़ों नकली डिग्रियां और प्रमाण पत्र बरामद किए गए।
🔹 आरोपी बैकडेट में भी मार्कशीट तैयार करता था।
🔹 जांच के दौरान अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूले जाने का खुलासा हुआ है।
किन विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां बरामद हुईं?
एसटीएफ को जिन विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्रियां मिली हैं, उनमें शामिल हैं:
✅ जेएस यूनिवर्सिटी, शिकोहाबाद (102 नकली अंकतालिकाएं)
✅ सिक्किम डिस्टेंस लर्निंग यूनिवर्सिटी (37 प्रमाण पत्र)
✅ मानव भारती यूनिवर्सिटी, सोलन
✅ यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान (तीन माइग्रेशन सर्टिफिकेट)
✅ तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय
✅ इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU)
✅ वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल यूनिवर्सिटी, जौनपुर
✅ सुभारती यूनिवर्सिटी, मेरठ (525 विद्यार्थियों के प्रमाण पत्र)
✅ मोनाड यूनिवर्सिटी, हापुड़
✅ ग्लोबल यूनिवर्सिटी, अरुणाचल
✅ एपेक्स प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु
मोबाइल बंद कर भागे आरोपी, एसटीएफ की टीम कर रही जांच
जांच के दौरान जब एसटीएफ ने गिरोह से जुड़े विश्वविद्यालय कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश की, तो सभी ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए। अब टीमें विश्वविद्यालयों में जाकर विस्तृत जांच करेंगी।
रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ
धनेश मिश्रा से रिमांड पर पूछताछ की जाएगी, क्योंकि उसने अभी तक कई जानकारियां छिपाई हैं। एसटीएफ यह भी जांच कर रही है कि किन-किन विश्वविद्यालयों के कर्मचारी इस फर्जीवाड़े में शामिल थे।
जांच जारी, जल्द हो सकती हैं और गिरफ्तारियां
एसटीएफ के अनुसार, इस गिरोह से जुड़े और भी कई आरोपी फरार हैं। रिमांड के दौरान नए सुराग मिलने की संभावना है, जिसके आधार पर जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।