कीटों से फसलों को बचाने के लिए किसानों द्वारा स्टिकी ट्रैप का उपयोग एक लोकप्रिय और प्रभावी तरीका बन गया है। ये चिपचिपे ट्रैप विभिन्न रंगों में उपलब्ध होते हैं और अलग-अलग प्रकार के कीटों को आकर्षित करते हैं। विभिन्न रंगों के ट्रैप अलग-अलग कीटों को आकर्षित करते हैं, जिससे किसान आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि उनकी फसल में कौन से कीट मौजूद हैं। ये ट्रैप बड़ी संख्या में कीटों को फंसा लेते हैं, जिससे फसलों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। तो आइये जानते है किस स्ट्रिप टेप को कोनसी फसल में लगाना चाहिए।
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स्ट्रिप टेप के रंग
पीला रंग स्ट्रिप टेप: सफेद मक्खी, पत्ती खाने वाले कीट, एफिड्स, थ्रिप्स, फल मक्खी, लीफ हॉपर और लीफ माइनर्स जैसे उड़ने वाले कीटों को आकर्षित करता है।
नीला रंग स्ट्रिप टेप: लीफहॉपर्स, ककड़ी बीटल और मक्खियों को आकर्षित करता है। विशेष रूप से थ्रिप्स के लिए प्रभावी होता है। यह कद्दू जैसे बेल वाली फसलों को नुकसान पहुंचाते है. इस लिए इसमें इसका उपयोग कर सकते है.
काला रंग स्ट्रिप टेप: अमेरिकन पिन वर्म को रोकने में मदद करता है। टमाटर की फसलों पर इसका इस्तमाल कर सकते है.
स्ट्रिप टेप के लाभ
विभिन्न रंगों के ट्रैप अलग-अलग कीटों को आकर्षित करते हैं, जिससे किसान आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि उनकी फसल में कौन से कीट मौजूद हैं। ये ट्रैप बड़ी संख्या में कीटों को फंसा लेते हैं, जिससे फसलों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। स्टिकी ट्रैप का उपयोग करने से रासायनिक कीटनाशकों की आवश्यकता कम हो जाती है, जो मिट्टी और पानी को प्रदूषित करने से रोकता है। ये ट्रैप अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध होते हैं।
कैसे करें इसका उपयोग
ट्रैप को फसल के बीच में या कीटों के अधिक होने वाले स्थानों पर लगाएं। फसल के आकार और कीटों की संख्या के आधार पर ट्रैप की संख्या तय करें। ट्रैप को फसल के ऊपर या उसमें लगाया जा सकता है। ट्रैप को नियमित रूप से जांचें और फंसे हुए कीटों को हटाएं।