Gupt Navratri: इस बार गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है. गुप्त नवरात्रि का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है – पहली चैत्र नवरात्रि, दूसरी अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि और माघ और आषाढ़ महीनों में दो गुप्त नवरात्रि. गुप्त नवरात्रि में मां आदि शक्ति की उपासना की जाती है. वहीं, गुप्त नवरात्रि को तंत्र-मंत्र की साधना करने वालों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
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साधना और शक्ति प्राप्ति का पर्व (Sadhana aur Shakti प्राप्ति ka Parv)
आचार्य अवधेश निर्मलेश पाठक बताते हैं कि साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस व्रत को करने से मनचाही इच्छा पूरी होती है. सनातन धर्म में शक्ति साधना का सबसे महत्वपूर्ण पर्व नवरात्रि को बहुत पवित्र और ऊर्जा प्रदान करने वाला माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. इसका सबसे महत्वपूर्ण समय मध्यरात्रि से सूर्योदय तक माना जाता है.
गुप्त नवरात्रि 2024 की तिथियां (Gupt Navratri 2024 ki tithiyan)
पंडित अवधेश निर्मलेश पाठक ने बताया कि पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 6 से 15 जुलाई तक होगी. इस बार गुप्त नवरात्रि 9 दिन नहीं बल्कि 10 दिनों की बताई जा रही है. गुप्त नवरात्रि में माता रानी के भक्त मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करेंगे.
ग्रहों को शांत करने का उपाय (Grahon ko shant karne ka upay)
शनि, राहु और केतु से पीड़ित जातक इन ग्रहों से छुटकारा पाने के लिए मां की उपासना, हवन आदि कराना चाहते हैं. इन तीनों ग्रहों को तांत्रिक कारक माना जाता है. इसलिए इन ग्रहों से छुटकारा पाने के लिए तांत्रिक साधना की जाएगी. जब भगवान विष्णु शयन अवस्था में होते हैं, तब दैवीय शक्तियां कमजोर होने लगती हैं. इन विपत्तियों से बचने के लिए गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा की जाती है.
गुप्त नवरात्रि घटस्थापना का शुभ मुहूर्त (Gupt Navratri Ghatasthapana ka Shubh Muhurt)
गुप्त नवरात्रि की घटस्थापना 06 जुलाई की सुबह 05:11 बजे से 07:26 बजे के शुभ मुहूर्त में की जा सकती है. अगर आप इस मुहूर्त में कलश स्थापना नहीं कर पा रहे हैं तो फिर 11 बजे से 12:15 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में कर सकते हैं. इन दोनों मुहूर्तों में कलश स्थापना करना शुभ होगा.
गुप्त नवरात्रि में पूजा का विधान (Gupt Navratri mein puja vidhan)
आचार्य आशेष समर पाठक बताते हैं कि देवी भागवत के अनुसार, जिस तरह साल में चार बार नवरात्रि आती है और उसी तरह नवरात्रि में नौ रूपों वाली मां दुर्गा की पूजा की जाती है, उसी तरह गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व तांत्रिक क्रियाओं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए होता है. इनकी पूजा तब की जाती है, जब पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है. जुलाई माह में मां कामख्या की उपासना का विशेष