भारत में परम्परागत खेती के साथ मसलों की खेती भी की जाती है। ऐसी में हल्दी की खेती भी की जाती है। वैसे तो हल्दी दो प्रकार की होती है लेकिन पीली हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। इसका प्रयोग खाना बनाने से लेकर पूजा तक और औषधिय के रूप में भी किया जाता है। भारत में हल्दी का सबसे ज्यादा उत्पादन महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में होता हैं। हल्दी को भारतीय केसर के रूप में भी जाना जाता है। हल्दी की खेती करने से किसानों की अच्छी कमाई होती है। क्योंकि इसकी डिमांड सबसे ज्यादा रहती है। तो आइये जानते है हल्दी की खेती के बारे में पूरी जानकारी।
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हल्दी की उन्नत किस्म
हल्दी की पीतांबर किस्म 5 से 6 महीने में ही तैयार हो जाती है। इसमें कीटों का ज्यादा असर भी नहीं होता हैं। पीतांबर की व्यापारिक खेती में प्रति हेक्टेयर पैदावार 650 क्विंटल तक हो जाती हैं। इसके अलावा हल्दी की कई और उन्नत किस्में भी हैं। जिनमें सगुना, रोमा, कोयंबटूर, कृष्णा, आर. एच 9/90, आर.एच- 13/90, पालम लालिमा, एन.डी.आर 18, बी.एस.आर 1, पंत पीतम्भ आदि शामिल हैं।
कब लगाये हल्दी?
हल्दी को आमतौर पर वसंत या गर्मी के मौसम में लगाया जाता है। हल्दी गर्म मौसम को पसंद करती है और अच्छी तरह से विकसित भी होती है। वसंत के अंत से हल्दी में सफ़ेद, पीले फूल भी खिलना प्रारंभ हो जाते हैं। ये एक समूह में खिलते है और इनकी लंबाई 15 सेंटीमीटर तक होती है। हल्दी की व्यापारिक खेती में हल्दी लगाने के समय की बात करे तो अलग-अलग किस्मों के आधार पर 15 मई से लेकर 30 जून के मध्य लगाना होता है।
हल्दी की खेती के लिए मिट्टी
हल्दी को उगाने के लिए मिट्टी में जल निकासी की क्षमता अधिक होना चाहिए। अतः रेतीली दोमट मिट्टी या मटियार दोमट मिट्टी उचित है। गमले में हल्दी उगाने के लिए मिट्टी में 40% रेत, 20% इट पत्थर के टुकड़े, 20% खेत की सुखी मिट्टी, 20% खाद का प्रयोग करें।
हल्दी की खेती के लिए खाद
बढ़ते मौसम में हल्दी के पौधों में लिक्विड फ़र्टिलाइज़र का प्रयोग करें, ये पौधे को अच्छी तरह बढ़ने में मदत करेगा। हल्दी के पौधे को जैविक खाद के रूप में नीम खली, केंचुआ खाद, गोबर खाद देना फायदेमंद होता है।
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खेती के लिए पानी/सिचाई
गमले में लगे हल्दी के पौधों को समय-समय पर पानी देना जरूरी होता है। पर अगर पौधा जमीन पर लगा हो तो बरसात में सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। समय पर वर्षा नहीं होने की परिस्थिति में, आवश्यकता आनुसार सिंचाई अवश्य करनी चाहिए।
हल्दी की खेती से लाभ
अगर आप हल्दी की खेती करते है तो आपको इससे दोगुना लाभ प्राप्त होता। एक हेक्टेयर में हल्दी का औसत उत्पादन 20-25 क्विंटल तक का होता है। यदि हल्दी का भाव 200 रुपये किलो है, तो एक हेक्टेयर में हल्दी की खेती से करीब 5 लाख तक की कमाई की जा सकती है।