मुंबई। शाह बानो मामले से प्रेरित होकर बनी फ़िल्म ‘हक़’ की रिलीज़ के साथ ही उस पर छिड़ी बहस ने अब तीखा राजनीतिक रंग ले लिया है। शुरुआती स्क्रीनिंग और ऑनलाइन चर्चाओं के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद इमरान मसूद ने फ़िल्म पर तीखा निशाना साधते हुए इसे “विभाजनकारी एजेंडा” बताया है।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने फ़िल्म का खुलकर समर्थन करते हुए इसे ‘सत्य और संवैधानिक मूल्यों’ की दिशा में उठाया गया कदम बताया है, जिससे फ़िल्म को लेकर राष्ट्रीय विमर्श और तेज़ हो गया है।
Quick Highlights
- फ़िल्म: ‘हक़’ (इमरान हाशमी, यामी गौतम धर अभिनीत), जो शाह बानो मामले से प्रेरित है।
- कांग्रेस का आरोप: सांसद इमरान मसूद ने फ़िल्म को “नफ़रत फैलाने का एजेंडा” करार दिया।
- मसूद का रुख: उन्होंने फ़िल्म देखने से इनकार करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य “तनाव को भड़काना है, न कि समझ बढ़ाना।”
- भाजपा का समर्थन: भाजपा नेताओं ने फ़िल्म की सराहना करते हुए इसे “लैंगिक न्याय” और “संवैधानिक मूल्यों” की तरफ़ बढ़ने वाला प्रयास बताया।
- रिलीज़: फ़िल्म 7 नवंबर को रिलीज़ हो गई है।
- विमर्श: फ़िल्म धर्म, न्याय और संवैधानिक अधिकारों पर राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बन गई है।
‘सत्य का पुनर्कथन’ बनाम ‘ध्रुवीकरण का प्रयास’
कांग्रेस नेता का सीधा हमला
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने अपने बयान में फ़िल्म ‘हक़’ की आलोचना करते हुए कहा कि वे इसका समर्थन नहीं कर सकते।
“फ़िल्म हक़ का नफ़रत फैलाने का एजेंडा कामयाब नहीं होगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे जानबूझकर फ़िल्म देखने नहीं जाएँगे, क्योंकि उनके अनुसार, इस तरह की फिल्मों का उद्देश्य “तनाव को भड़काना है, न कि आपसी समझ बढ़ाना। उनके इस बयान ने तुरंत ही फ़िल्म के विरोधियों को एक राजनीतिक आधार प्रदान कर दिया।
भाजपा ने किया संवैधानिक समर्थन
इमरान मसूद के बयान के तुरंत बाद ही, कई भाजपा नेताओं ने फ़िल्म के पक्ष में प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेताओं ने फ़िल्म की सराहना करते हुए इसे “सत्य, लैंगिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की तरफ़ आगे बढ़ने वाला प्रयास” बताया।
उनका कहना है कि यह फ़िल्म शाह बानो की लड़ाई के उस ऐतिहासिक अध्याय को सामने लाती है, जिसे राजनीति ने लंबे समय तक दबा दिया था। यह तीखा अंतर फ़िल्म को लेकर चल रही बहस को अब दक्षिण बनाम वाम (Right vs Left) के राजनीतिक ध्रुव पर ले आया है।
फ़िल्म का राष्ट्रीय विमर्श में स्थान
फ़िल्म ‘हक़’ (रिलीज़: 7 नवंबर) अब केवल एक सिनेमाई कृति नहीं रह गई है, बल्कि यह धर्म, न्याय, संवैधानिक अधिकारों और महिला अधिकारों पर एक बड़े राष्ट्रीय विमर्श का केंद्र बन चुकी है। जहाँ समर्थक इसे एक साहसी पुनर्कथन और महिला अधिकारों की आवाज़ मान रहे हैं, वहीं आलोचक इसे गलत चित्रण और राजनीतिक ध्रुवीकरण का प्रयास करार दे रहे हैं।
फ़िल्म में यामी गौतम, इमरान हाशमी और शीबा चड्ढा ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई हैं।
(रिपोर्ट: आयुष गुप्ता, MP Jankranti News)
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