जलगांव, सावदा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शनिवार को डॉ. उल्हास पाटिल इंग्लिश मीडियम स्कूल, सावदा में एक विशेष योगाभ्यास सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और योग के महत्व को गहराई से समझा।

बच्चों ने सीखे विविध योग आसन
योग प्रशिक्षकों भावना काकड़े और जया तुलसानी के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया। कार्यक्रम की शुरुआत सूर्य नमस्कार से हुई, जिसके बाद छात्रों ने ताड़ासन, वृक्षासन, शवासन और प्राणायाम जैसे लाभकारी योग मुद्राओं को सीखा। योग शिक्षकों ने सरल शब्दों में बच्चों को बताया कि किस प्रकार योगाभ्यास करने से मन शांत रहता है, शरीर ऊर्जावान बनता है और सकारात्मक सोच विकसित होती है।

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता
योग प्रशिक्षकों ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों और युवाओं में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना है। वर्तमान समय में पढ़ाई का तनाव, स्क्रीन टाइम और अनियमित जीवनशैली से बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। योग ही एकमात्र ऐसा माध्यम है जो शरीर और मन दोनों को संतुलित रखता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि योग न केवल बीमारी से बचाता है, बल्कि शरीर को लचीला और मन को स्थिर बनाता है। इसीलिए हर व्यक्ति को इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।

प्राचार्य ने दिया स्वस्थ जीवन का संदेश
विद्यालय की प्राचार्य भारती महाजन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है। यदि हम प्रतिदिन योग को अपने जीवन में अपनाएं, तो कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं और मानसिक रूप से भी मजबूत बन सकते हैं।”
प्राचार्य ने छात्रों से यह भी आग्रह किया कि वे योग को केवल एक दिवस तक सीमित न रखें, बल्कि इसे प्रतिदिन का अभ्यास बनाएं। योग से जीवन में अनुशासन, आत्म-विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

बच्चों ने लिया नियमित योग का संकल्प
कार्यक्रम के अंत में सभी विद्यार्थियों ने नियमित रूप से योग करने और अपने परिवार, दोस्तों को भी इसके लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। इस आयोजन में स्कूल के सभी शिक्षक, स्टाफ सदस्य और छात्र-छात्राएं पूरी निष्ठा के साथ शामिल हुए।
यह आयोजन न केवल एक शारीरिक गतिविधि था, बल्कि यह बच्चों के जीवन में स्वास्थ्य, अनुशासन और आत्म-संयम का एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया।




