अगर आप पहाड़ों पर घूमने जाते हैं, तो जंगलों में आपको कई अनोखे पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं। उन्हीं में से एक है गुच्छी मशरूम। ये कोई साधारण मशरूम नहीं बल्कि जंगल का अनमोल रत्न है। इसकी खासियत ये है कि इसकी पैदावार तो प्राकृतिक रूप से ही होती है और इसकी कीमत हजारों रुपये प्रति किलो तक होती है। आइए, गुच्छी मशरूम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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कहां पाया जाता है गुच्छी मशरूम?
गुच्छी मशरूम हिमाचल प्रदेश के चंबा, कुल्लू, मनाली जैसे इलाकों के जंगलों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसके अलावा ये कश्मीर और उत्तराखंड के कुछ इलाकों में भी मिलता है। विदेशों में भी इसकी डिमांड काफी ज्यादा है। अमेरिका, यूरोप, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी गुच्छी की खूब मांग है।
कैसा दिखता है गुच्छी मशरूम?
गुच्छी मशरूम दरअसल फूल और बीजों का गुच्छा होता है। इसे तोड़ने के बाद सुखा लिया जाता है और फिर सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। पहाड़ी इलाकों में इसे डुंगरू भी कहा जाता है।
गुच्छी मशरूम के फायदे
गुच्छी मशरूम स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है। आयुर्वेद में इसे सर्पच्छत्रक के नाम से जाना जाता है। विटामिन-बी, विटामिन-सी और अमीनो एसिड जैसे पोषक तत्व इसमें पाए जाते हैं। ये दिल के मरीजों के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है। जंगल की अनमोल रत्न है यह सब्जी, कीमत 30000 रूपये प्रति किलो खेती से होगी झमाझम कमाई
गुच्छी मशरूम की कीमत
जैसा कि हमने बताया, गुच्छी की पैदावार प्राकृतिक रूप से होती है और इसे जंगलों से ढूंढना काफी मुश्किल होता है। यही कारण है कि इसकी कीमत इतनी ज्यादा होती है। बाजार में आपको गुच्छी मशरूम 30,000 रुपये किलो तक मिल सकता है।
प्रधानमंत्री को भी पसंद है गुच्छी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को भी गुच्छी का सब्जी काफी पसंद है। उन्होंने बताया था कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वो कभी-कभार इसका सेवन करते थे।
गुच्छी की खेती
अभी तक गुच्छी की खेती का कोई तरीका विकसित नहीं हो पाया है। इसकी पैदावार प्राकृतिक रूप से ही जंगलों में होती है। लेकिन उम्मीद है कि आने वाले समय में वैज्ञानिक इसकी खेती करने का तरीका खोज लें, जिससे इसकी आसानी से उपलब्धता हो सके और इसकी कीमत भी कम हो जाए।