गाजर घास और जलकुंभी, जो अक्सर किसानों के लिए एक समस्या होती है, जैविक खाद बनाने के लिए एक उत्कृष्ट संसाधन हो सकते हैं। यह न केवल खेतों की उर्वरता बढ़ाता है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसकी मदद से हम बेहद उपजाऊ जैविक खाद बना सकते है. तो आइये जानते है इसके बारे में. ..
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Table of Contents
गाजर घास और जलकुंभी से जैविक खाद बनाने की सामग्री
- गाजर घास
- जलकुंभी
- सूखी पत्तियां
- गोबर की खाद (यदि उपलब्ध हो)
- मिट्टी
गाजर घास और जलकुंभी से जैविक खाद बनाने की विधि
- संग्रह: गाजर घास और जलकुंभी को इकट्ठा करके छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- परतें बनाएं: एक गड्ढा खोदें और उसमें गाजर घास, जलकुंभी, सूखी पत्तियां और गोबर की खाद की परतें बनाएं। प्रत्येक परत को थोड़ा सा पानी डालें।
- मिश्रण: सभी सामग्री को अच्छी तरह मिला लें।
- ढकना: गड्ढे को मिट्टी से ढक दें।
- समय: इस ढेर को लगभग 3-4 महीने तक छोड़ दें। इस दौरान समय-समय पर ढेर को हिलाते रहें।
- तैयार खाद: 3-4 महीने बाद खाद पूरी तरह तैयार हो जाएगी। इसे अपनी फसलों में उपयोग कर सकते हैं।
जैविक खाद बनाने के फायदे
- पौधों के लिए पोषक तत्व: गाजर घास और जलकुंभी में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो पौधों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
- मिट्टी की उर्वरता: यह खाद मिट्टी की संरचना में सुधार करती है और इसे उपजाऊ बनाती है।
- कीटों का नियंत्रण: इस खाद में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो कीटों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
- पर्यावरण अनुकूल: यह एक पूरी तरह से प्राकृतिक और पर्यावरण अनुकूल खाद है।
- आर्थिक लाभ: इस खाद को बेचकर किसान अतिरिक्त आय भी अर्जित कर सकते हैं।