देश में कई तरह की फसलों की खेती की जाती है और काले अंगूर न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। इनकी खेती करके आप न केवल स्वादिष्ट फल का आनंद ले सकते हैं बल्कि एक अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं। आइए जानते हैं काले अंगूर की खेती कैसे की जाती है। इसकी खेती फायदे का सौदा हो सकती है. तो आइये जानते है इसके बारे में. ..
Table of Contents
मिट्टी और जलवायु
- मिट्टी: काले अंगूर की खेती के लिए गहरी, उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है।
- जलवायु: अंगूर को गर्म और शुष्क जलवायु पसंद होती है। सर्दी में कुछ ठंड भी जरूरी होती है ताकि फूल आ सकें।
किस्में
काले अंगूर की कई किस्में उपलब्ध हैं। कुछ लोकप्रिय किस्में हैं:
- थॉमसन सीडलेस: बीज रहित, बड़े और मीठे अंगूर
- फ्लेम सीडलेस: बीज रहित, लाल रंग के अंगूर
- पिओट बेले: बीज रहित, बड़े और गोल अंगूर
इसकी खेती के बारे में
इसकी खेती के लिए सर्दियों के अंत या शुरुआती वसंत में अंगूर के पौधे रोपें। पौधों के बीच 2-3 मीटर और पंक्तियों के बीच 3-4 मीटर की दूरी रखें। रोपण से पहले गड्ढे खोदें और उनमें अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद मिलाएं। गूर के पौधों को नियमित रूप से पानी दें, खासकर गर्मियों में। इसमें समय-समय पर पौधों को जैविक खाद दें। पौधों की नियमित छंटाई करें ताकि वे स्वस्थ रहें और अधिक फल दें। और कीटों और रोगों से बचाने के लिए समय-समय पर उपचार करें।
काले अंगूर की खेती से कमाई
काले अंगूर की खेती से कमाई की अगर हम बात करे तो बता दे की इन की औसतन उपज 33 टन/हेक्टेयर है वही इस अंगूर का भाव 40 रुपए किलो तक रहता है. इससे किसान के द्वारा प्रतिवर्ष इस खेती से लाखो रु की कमाई की जा सकती है.