देश में कई तरह की खेती की जाती है और उसी में से एक कमल ककड़ी, जिसे ढेस भी कहा जाता है, एक अनोखी और लाभदायक सब्जी है। इसकी खेती न केवल पारंपरिक रूप से की जाती है, बल्कि आजकल इसकी मांग भी बढ़ रही है। आइए जानते हैं कमल ककड़ी की खेती के बारे में. .
Table of Contents
कमल ककड़ी की खेती के लिए आवश्यक चीजें
- तालाब या पोखर: कमल ककड़ी की खेती के लिए तालाब या पोखर की आवश्यकता होती है।
- काली मिट्टी: पानी में जड़ में काली मिट्टी बिछाने से बीजों के अंकुरण में आसानी होती है।
- बीज: अच्छी किस्म के कमल ककड़ी के बीज खरीदें।
- पानी: साफ और ताजा पानी होना जरूरी है।
कमल ककड़ी की खेती का तरीका
- तालाब की तैयारी: तालाब को साफ करें और उसमें काली मिट्टी बिछाएं।
- बीज बोना: बीजों को मिट्टी में दबाएं और पानी से ढक दें।
- देखभाल: नियमित रूप से पानी बदलते रहें और खरपतवारों को हटाते रहें।
- कटाई: जब फल पक जाएं तो उन्हें तोड़ लें।
- तापमान: बीज 20 डिग्री तापमान पर अच्छे से अंकुरित होते हैं और पौधे के विकास के लिए 25 से 30 डिग्री तापमान सबसे अच्छा होता है।
कमल ककड़ी से कमाई
कमल ककड़ी की खेती से कमाई की बात करे तो बाजारों में कमल ककड़ी की कीमत 60 से 100 रुपये किलाे तक होती है. तो वहीं दक्षिण भारत में इसकी कीमत 200 से 300 रुपये किलो तक रहती है. और इसकी खेती से अच्छी कमाई की जा सकती है.
कमल ककड़ी के स्वास्थ्य लाभ
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।
- पाचन में सुधार: फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पाचन को दुरुस्त रखता है।
- हृदय स्वास्थ्य: पोटेशियम की मौजूदगी हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करती है।
- त्वचा के लिए लाभदायक: एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं।
- सूजन कम करता है: शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मददगार है।
- वजन घटाने में सहायक: कम कैलोरी होने के कारण वजन घटाने में मदद कर सकता है।