सामान्य फसलों में कड़ी मेहनत करने के बाद भी किसान भाइयों को कमाई में ज्यादा मुनाफा नहीं मिल पाता है. आज हम आपको एक ऐसे फल की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी मांग पूरे साल रहती है। दरअसल, आज हम बात कर रहे हैं कुंदरू की खेती की, जिसकी मांग पूरे साल रहती है. देश में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती की जाती है और उनमें से एक है कुंदरू की खेती। कुंदरू की खेती करके किसान कम समय में लाखों रुपये कमा सकता है. कुंदरू की विभिन्न किस्मों के अनुसार पैदावार भी अच्छी होती है। तो आज हम आपको इसकी खेती से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे।
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कंदरू की उन्नत किस्मे
आपको बता दें कि अगर हम इसकी खेती के लिए कुंदरू की कुछ उन्नत किस्मों की बात करें तो इसमें आपको कई किस्में देखने को मिल सकती हैं जैसे- इंदिरा कुंदरू 5, इंदिरा कुंदरू 35, सुलभा (सीजी- 23), काशी भरना (वीआरएस आईजी) – 9) इन किस्मों की खेती करने से कम समय में अधिक पैदावार मिलती है.
कुंदरू की खेती के बारे में
कुंदरू की खेती के लिए सबसे पहले आप अच्छी किस्म के बीजों का चयन करें और फिर किसी जगह पर इन बीजों से पौधे तैयार करें. इस खेती से साल भर उत्पादन मिलता है. इसलिए खेतों की अच्छे से जुताई करें और इसके बाद पौधे लगाने के लिए खेत में मेड़ तैयार करें और दूरी के अनुसार इन पौधों को लगाएं. यदि आप कुंदरू की खेती करते हैं तो इस फसल के पौधों की समय-समय पर निराई-गुड़ाई करते रहें और इस फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। तथा नियमित समय पर इसको कीटो आदि से बचाना जरुरी है.
कुंदरू की खेती से कमाई
अगर कुंदरू की खेती से होने वाली आय की बात करें तो इस फसल का पौधा रोपण के 40 दिन बाद पैदावार देना शुरू कर देता है और इसके बाद की कटाई 4 से 5 दिन के अंतराल पर की जाती है. साथ ही आप एक हेक्टेयर खेत से उपज प्राप्त करके 3 से 5 लाख रुपये की बड़ी आय भी कमा सकते हैं. साथ ही आपको बता दें कि इस फसल में लागत भी बहुत कम आती है. आपको बता दे की कुंदरू बाजार में करीब 5000 रुपये कुंटल के रेट में बिक रही है.वही फुटकर में 80 रुपये किलो तक बिक्री भाव है. एक हेक्टेयर में करीब 450 क्विंटल कुंदरू का उत्पादन होता है.