खकनार अस्पताल कांड पर आदिवासी समाज का फूटा आक्रोश: मृत महिला से छेड़छाड़ मामले में बीएमओ पर कार्रवाई की मांग; राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

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खकनार (बुरहानपुर)। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खकनार में लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व मृत आदिवासी महिला के साथ अस्पताल परिसर में हुई घृणित छेड़छाड़ की घटना को लेकर शुक्रवार को आदिवासी समाज का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। आदिवासी कोरकू कल्याण समिति के नेतृत्व में सैकड़ों समाजजनों ने विशाल रैली निकालकर विरोध जताया और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई न होने को लेकर आक्रोश व्यक्त किया।

शुक्रवार को निमदड़ फाटे से शुरू हुई रैली तहसीलदार कार्यालय तक पहुँची। अचानक हुई तेज बारिश भी प्रदर्शनकारियों के जोश को कम नहीं कर पाई। तहसीलदार कार्यालय पहुँचकर प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा।

मांगें और आक्रोश: “बीएमओ पर एफआईआर हो”

रैली में शामिल महिलाओं के हाथों में तख्तियाँ थीं, जिन पर “स्वास्थ्य विभाग होश में आओ” और “बीएमओ पर एफआईआर हो” जैसे नारे लिखे थे। समाज की मुख्य मांग है कि अस्पताल प्रबंधन और संबंधित अधिकारियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, जिन्होंने डेढ़ वर्ष तक इस गंभीर मामले को दबाने का प्रयास किया।

आदिवासी कोरकू कल्याण समिति के अध्यक्ष केशवराव भिलावेकर और विधायक मंजू दादू ने इस घटना को “सिर्फ एक महिला पर नहीं, बल्कि पूरे समाज की अस्मिता पर हमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “मृत महिला को घसीटने और उसके साथ छेड़छाड़ करने जैसा अमानवीय कृत्य किसी भी हाल में क्षमा योग्य नहीं है।”

सीसीटीवी फुटेज छिपाने का आरोप

परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना के समय जब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की, तो अस्पताल स्टाफ ने कैमरे खराब होने की बात कहकर टाल दिया था। बाद में जब यह पूरी वारदात सीसीटीवी फुटेज के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तब कहीं जाकर पूरा सच उजागर हुआ और आरोपी को जेल भेजा गया।

प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि जब अस्पताल प्रबंधन को सीसीटीवी फुटेज मौजूद होने की जानकारी थी, तब भी इसे क्यों छिपाया गया? समाज के लोगों का मानना है कि यदि ऐसे मामलों को दबाया जाएगा, तो स्वास्थ्य संस्थानों में महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी।

ज्ञापन में प्रमुख मांगें

आदिवासी समाज द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित प्रमुख मांगें शामिल हैं:

  • अस्पताल के बीएमओ और संबंधित लापरवाह कर्मचारियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
  • दोषियों को फाँसी की सज़ा दी जाए।
  • घटना की पूरी और निष्पक्ष जांच उच्चस्तरीय समिति से कराई जाए।

रैली में जिला महामंत्री राहुल जाधव, जिला पंचायत सदस्य अशोक पटेल, जनपद सदस्य गोकुल पाटिल, आदिवासी कल्याण समिति के उपाध्यक्ष श्यामलाल भिलावेकर सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाजजन मौजूद रहे। समाज का कहना है कि जब तक बीएमओ और अन्य लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आक्रोश शांत नहीं होगा।

FAQs

1. खकनार अस्पताल कांड क्या है? यह करीब डेढ़ वर्ष पुराना मामला है, जहाँ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खकनार के परिसर में एक मृत आदिवासी महिला के साथ घृणित छेड़छाड़ की घटना हुई थी, जो सीसीटीवी में कैद हो गई थी।

2. आदिवासी समाज ने प्रदर्शन क्यों किया? आदिवासी कोरकू कल्याण समिति ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अस्पताल के बीएमओ व अन्य संबंधित अधिकारियों पर डेढ़ वर्ष बाद भी कार्रवाई न होने के कारण विरोध-प्रदर्शन किया।

3. प्रदर्शनकारियों ने क्या मांग की है? प्रदर्शनकारियों ने तहसीलदार को सौंपे ज्ञापन में बीएमओ पर कठोर कानूनी कार्रवाई, दोषियों को फाँसी की सज़ा और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

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खकनार अस्पताल में हुई इस अमानवीय घटना और उसके बाद अधिकारियों पर कार्रवाई न होना, न केवल स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है, बल्कि समाज की सुरक्षा और अस्मिता से जुड़े गंभीर सवाल भी खड़े करता है। आदिवासी समाज ने स्पष्ट कर दिया है कि वे न्याय मिलने तक शांत नहीं बैठेंगे।

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