किसानो को खेती करने के लिए कई तरह के यंत्रो की जरुरत होती है और सरकार द्वारा सस्ते कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की यह पहल, छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। बता दे की इस योजना के जरियर किसान अपनी आवश्यकतानुसार कृषि यंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना के तहत किसानों को 50 से लेकर 300 रुपए तक के शुल्क पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। क्योकि कई किसान यंत्रों की कीमत अधिक होने से हर किसान इन्हें खरीदने में समक्ष नहीं है। आइये जानते है इसके बारे में…
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इतने रु में मिलेंगे कृषि यंत्र
कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा द्वारा की गई यह पहल, निश्चित रूप से किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। किसानों को नि:शुल्क मार्गदर्शन के साथ-साथ अब कृषि यंत्र भी किराये पर उपलब्ध कराए जा सकते है. बता दे की किसान यहाँ से रोटावेटर, कल्टीवेटर, पैडी ट्रांसप्लाटर मशीन, रीपर, थ्रेसर और मल्टीक्रॉप थ्रेसर आदि मशीनें किराये पर ले सकते हैं। जिसका किराया न्यूनतम 50 रुपए से लेकर 300 रुपए तक निर्धारित है। वही षि यंत्र अधिकतम 3 दिनों के लिए किसानो को उपलब्ध कराए जाएंगे।
इन किसानो को मिलेंगा लाभ
इस योजना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए एक सकारात्मक पहल है। कृषि विज्ञान केंद्र कोडरमा द्वारा स्थापित कस्टम हायरिंग सेंटर, आधुनिक कृषि यंत्रों को किराये पर उपलब्ध कराकर किसानों को खेती को अधिक कुशल और लाभदायक बनाने में मदद कर रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को सस्ती किराया दर पर खेती के काम आने वाले कृषि यंत्रों को उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि किसी किसान को कृषि यंत्र चलाना नहीं आता है तो ऐसे किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र से यंत्र चलाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
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कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने मिलेंगी इतनी सब्सिडी
किसानों, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। सरकार द्वारा कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की यह पहल, कृषि क्षेत्र में एक क्रांति ला सकती है। यहाँ से किसान सस्ते में यंत्र लेकर काम निपटा सकते है, इसे ही कस्टम हायरिंग सेंटर कहते है. कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने में सरकार द्वारा 80% सब्सिडी देने से किसानों और उद्यमियों को कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने में आसानी होगी। इस योजना के तहत कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने की लागत 10 लाख रुपए तय की गई है. इसमें 8 लाख रुपए की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाती है