देश में कई तरह के फसलों की खेती की जाती है और उसी में से एक लहसुन भी है, जैसा की लहसुन रसोई का एक अहम हिस्सा है और इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। बढ़ती कीमतों और मांग को देखते हुए किसानों के लिए यह एक लाभदायक फसल हो सकती है। आइए जानते हैं लहसुन की उन किस्मों के बारे में जिनसे किसान अच्छी पैदावार ले सकते हैं।
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लहसुन की उन्नत किस्मे
यमुना सफेद 1 (जी-1)
लहसुन की इस किस्म के बारे में बात करे तो बता दे की यमुना सफेद 1 (जी-1) किस्म का लहसुन काफी ठोस होता है. वही इसका रंग चांदी जैसा सफ़ेद होता है. और यह पैदावार के मामले में इससे 150 से 160 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो सकती है. और यह किस्म 150 से 160 दिनों में तैयार हो जाती है.
यमुना सफेद 2 (जी-50)
यमुना सफेद 2 (जी-50) लहसुन की इस किस्म क्वे बारे में बात करे तो बता दे की इसका रंग क्रीम होता है और इस की पैदावार की बात करे तो 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. वही यह किस्म 170 दिनों में पककर तैयार होती है. और यह रोगो के प्रति भी रोगप्रतिरोधक होती है.
यमुना सफेद 3 (जी-282)
लहसुन की यह किस्म का आकर काफी बड़ा होता है वही इसमें 20 तक शल्क पाया जाता है, यह किस्म भी रोगप्रतिरोधक होती है और 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक इससे पैदावार होती है. बात करे पककर तैयार होने की तो यह किस्म 150 से 155 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.
यमुना सफेद 4 (जी-323)
लहसुन के इस किस्म के बारे में बात करे तो बता दे की लहसुन की यह किस्म सफ़ेद रंग और कली क्रीम रंग में होती है. और बता दे की इसके फलो में 20 से 23 शुल्क पाया जाता है. यह किस्म 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार होती है, वही यह किस्म 170 से 175 दिनों में पककर तैयार होती है.