तेंदुए के हमले से बचा प्रभु उधार के इंजेक्शन भी नहीं जुगाड़ हो पा रहे है |
खंडवा (जनक्रांति न्यूज़) शाहिद शाह: सनावद के अस्पताल में इंजेक्शन नहीं, वन विभाग ने भी उसे खुद पर छोड़ा खंडवा। यह घटना खंडवा और खरगोन जिले के मुहाने पर बसे घोसला गांव की है। सड़क के इस पार घोंसली खंडवा और घोसला खरगोन जिले में है। यहां प्रभु नाम के बकरी चराने वाले व्यक्ति की जान प्रभु ने ही बचाई।
प्रभु उस वक्त और ताकतवर हो गया, जब उसे लगा कि मौत सामने खड़ी है। उस पर तेंदुए जैसे जानवर ने हमला कर दिया था। प्रभु की जान तो बच गई, लेकिन अब उसे जानवरों के काटे जाने के बाद लगने वाले इंजेक्शन भी उधार में खरीदकर लगवाना पड रहे हैं। एक इंजेक्शन लग चुका है। 3 और लगाने के लिए डॉक्टर ने कहा है।
वन विभाग की टीम सनावद से आई और पंचनामा बनाकर मामला खत्म कर दिया गया। प्रभु को इस हमले में केवल जान इनाम में मिली। उसे किसी तरह का मुआवजा भी अब तक नहीं मिला है। प्रभु के मुताबिक सनावद का हॉस्पिटल पास पड़ता है, लेकिन उस अस्पताल में भी जानवरों के काटे जाने के बाद लगने वाला इंजेक्शन मौजूद नहीं है। सवाल यह उठता है कि तेंदुए के हमले पर भी सनावद का चिकित्सालय वन विभाग और यहां के राजनेता यानी पदाधिकारी कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
प्रभु की माने तो उसने जान आफत में देखकर इस जानवर को करीब 20 मिनट तक दबाए रखा। लोग आ जाएं और उसे बचा लें, लेकिन इस वीरान जगह पर कोई नहीं आया। एक बार तेंदुए ने पूरी ताकत का जोर लगाया और उस पर बैठे प्रभु नीचे गिर गया। बस तेंदुए को भी जान आफत में होने का डर लगा और वह भाग खड़ा हुआ।
प्रभु के मुताबिक यह तेंदुआ जंगल से भटककर रहवासी क्षेत्रों की तरफ आ गया होगा। तेंदुआ बच्चा भी नहीं था और वयस्क भी नहीं, इसलिए उसकी जान बच गई।