अभी कोई फसल उगाने का सोच रहे है तो लौकी की खेती एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है बता दे की मार्केट में इसकी अच्छी खासी मांग रहती है तो इसकी खेती से अच्छी कमाई की जा सकती है. आइये जानते है लौकी की खेती के बारे में..
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लौकी की खेती के लिए मिटटी
लौकी की खेती के लिए मिटटी की अगर हम बात करे तो इसको जल धारण क्षमता वाली बलुई दोमट मिट्टी उगाया जा सकता है. वही यह बेल के रूप में बढ़ती है तो कुछ कुछ दुरी पर बेल के रूप में इसकी खेती की जाती है. इस लिए इसे सहारे की अव्सय्कता होती है. इसकी बुवाई कतार में की जाती है, वही इसके बीजो की पौधे से पौधे की दूरी 60 सेमी होनी चाहिए। इसकी खेती में समय समय पर सिचाई की आवस्यकता होती है. लोबिया एक गर्म और आर्द्र जलवायु वाली फसल है इसकी खेती मुख्यतः फरवरी मार्च में की जाती है. इसमें समय समय पर सिचाई, निदाई-गुड़ाई और कीटनाशकों की अव्सय्कता होती है.
लौकी की उन्नत किस्मे
लौकी की खेती के लिए उन्नत किस्मो को देखे तो काशी गंगा, काशी बहार, पूसा नवीन, अर्का बहार और पूसा संदेश लौकी की उन्नत किस्मे है जो की बुवाई से रो लगभग 40 से 45 दिनों पककर तैयार हो जाती है। और इससे प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल पैदावार होती है।
लौकी की खेती से कमाई
लौकी की खेती से कमाई की बात करे तो यह नकद फसल है और इसकी यह बाजार में 10 रु से लेकर 20 रु प्रति किलो तक बिकती है. और इसका वजन 500 ग्राम से लेकर 2 किलो तक होते है इससे लाखो की कमाई की जा सकती है.