मैहर, सतना (म.प्र.), 22 सितंबर 2025 (अजय द्विवेदी)। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मैहर में स्थित माँ शारदा मंदिर में ‘सुगम दर्शन’ के नाम पर वसूले जा रहे अत्यधिक शुल्क को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने इस व्यवस्था को “सरकारी लूट” करार दिया है और इसे तत्काल बंद करने की मांग की है।
आम तौर पर, बड़े मंदिरों में “शीघ्र दर्शन” या “वीआईपी दर्शन” के लिए एक निर्धारित शुल्क होता है, जो मंदिर के रखरखाव और व्यवस्थाओं में मदद करता है। लेकिन मैहर में एक व्यक्ति के दर्शन के लिए ₹1100 का शुल्क लेना, इसे व्यावसायिक और गैर-उचित बनाता है। इसकी तुलना देश के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों से की जा रही है, जैसे कि काशी विश्वनाथ मंदिर में शीघ्र दर्शन के लिए मात्र ₹300 का शुल्क लिया जाता है। मिर्जापुर के विंध्यवासिनी मंदिर और अष्टभुजा माता मंदिर में भी ऐसी ही व्यावसायिक प्रथाओं की आलोचना होती रही है, और अब मैहर मंदिर प्रशासन भी उसी राह पर चल पड़ा है।
इस मुद्दे पर मैहर निवासी और पत्रकार अजय द्विवेदी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “एक व्यक्ति से चंद सेकंड के दर्शन के लिए ₹1100 वसूलना सरासर अन्याय है। यह स्पष्ट रूप से सरकारी और प्रशासनिक लूट है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। यह व्यवस्था श्रद्धालुओं की आस्था का शोषण करती है और इसे कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की महंगी दरें गरीब और मध्यम वर्ग के भक्तों को सुगम दर्शन से वंचित करती हैं, जिससे समानता का अधिकार भी प्रभावित होता है।
इस मामले में मैहर, सतना जिला, मध्य प्रदेश (पिन कोड 485771) के स्थानीय प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि धार्मिक स्थल व्यापार का केंद्र न बनें, बल्कि सभी के लिए सुलभ और समान रहें। यह मुद्दा न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है, और प्रशासन पर इस पर विचार करने का दबाव बढ़ रहा है।
— रिपोर्ट: अजय द्विवेदी, मैहर 📞 8770013436
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