छिंदवाड़ा हादसे का असर: मंडला के बीजाडांडी में मेडिकल स्टोर्स पर स्वास्थ्य विभाग का छापा, अब एक्सपायर्ड दवा नहीं चलेगी!

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मंडला, मध्यप्रदेश: छिंदवाड़ा में प्रतिबंधित कफ सिरप पीने से कुछ बच्चों की जो दुखद मौतें हुई थीं, उसने पूरे मध्यप्रदेश को हिलाकर रख दिया है। मैंने सुना कि भोपाल तक प्रशासन बहुत सख़्त हो गया है। इसी को देखते हुए, हमारे मंडला ज़िला प्रशासन ने भी देरी नहीं की। आज 12 अक्टूबर 2025 को जिले भर में एक बड़ा अभियान शुरू हो गया है, जिसका मकसद है प्रतिबंधित या एक्सपायर्ड दवा बेचने वालों पर लगाम कसना।

इस अभियान की शुरुआत विकासखंड बीजाडांडी से हुई। मैंने सुना कि सुबह से ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) बीजाडांडी की टीम पूरी तरह से तैयार थी।

दवा दुकानों की सघन जांच: क्या-क्या मिला?

बीएमओ डॉ. अभयकीर्ति गजभिये के नेतृत्व में यह जांच हुई। टीम में नायब तहसीलदार श्री चैनसिंह मार्को और फार्मासिस्ट श्री नितिन साहू भी थे। इन लोगों ने बीजाडांडी मुख्यालय और आसपास के गाँवों की दर्जनों मेडिकल स्टोर्स पर छापा मारा।

टीम ने दुकानों में घुसकर जो चीज़ें देखीं, वो बहुत अहम हैं:

  • प्रतिबंधित दवाओं की तलाश: खासकर खांसी के सिरप पर सबकी नज़र थी।
  • नकली और एक्सपायर्ड स्टॉक: यह देखना था कि कोई दुकानदार पुरानी या नकली दवा तो नहीं बेच रहा।
  • बिल और लाइसेंस का रिकॉर्ड: टीम ने स्टॉक रजिस्टर और लाइसेंस की वैधता की बारीकी से जांच की।

मैंने सुना कि टीम ने कफ सिरप, एंटीबायोटिक और नींद की दवाइयों के सैंपल भी लिए, ताकि लैब में उनकी गुणवत्ता जाँची जा सके।

अब, मैंने सुना कि जांच में कुछ दुकानों में गड़बड़ मिली है। कुछ के रिकॉर्ड अधूरे थे, तो कुछ का लाइसेंस भी एक्सपायर हो चुका था। स्टॉक रजिस्टर तो कई जगह ठीक से अपडेट ही नहीं मिला। क्या बात है, ऐसे काम चलेगा!

प्रशासन हुआ सख्त, सीधा मैसेज: लाइसेंस होगा रद्द

अनियमितता मिलने पर अधिकारियों ने दुकानदारों को बहुत कड़क चेतावनी दी है। मैंने सुना कि बीएमओ डॉ. अभयकीर्ति गजभिये ने साफ़ कहा है, “हमारा मक़सद साफ़ है, किसी भी कीमत पर प्रतिबंधित, नकली या एक्सपायर्ड दवा जनता तक नहीं पहुँचनी चाहिए।”

उन्होंने बताया कि छिंदवाड़ा की घटना के बाद मंडला जिला प्रशासन एकदम अलर्ट है। अब बीजाडांडी ब्लॉक में यह निगरानी लगातार चलती रहेगी।

इधर नायब तहसीलदार श्री चैनसिंह मार्को ने भी मेडिकल स्टोर वालों को सीधे निर्देश दिए हैं: सिर्फ़ पंजीकृत कंपनियों की दवाएँ रखो, हर चीज़ का बिल रिकॉर्ड रखो, और कोई भी बैन दवा मत बेचो। यह सिर्फ़ जांच नहीं है, जागरूकता मुहिम भी है।

आम जनता के लिए सलाह: बिल लो, एक्सपायरी देखो

फार्मासिस्ट श्री नितिन साहू ने भी लोगों से अपील की है। उन्होंने कहा कि भाई, जब भी दवा लो, बिल ज़रूर माँगो और एक्सपायरी डेट देखना मत भूलो। कोई भी संदिग्ध दवा दिखे, तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग को बता दो। यह आपकी अपनी सुरक्षा है।

मैंने देखा कि निरीक्षण के दौरान टीम ने लोगों को सुरक्षित दवा इस्तेमाल करने और बच्चों को दवा देने के नियमों के बारे में भी समझाया।

अब आगे क्या?

जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अपनी पूरी रिपोर्ट ज़िला प्रशासन को सौंप दी है। अब जिन दुकानों में कमी मिली है, उन पर कानूनी कार्रवाई होगी और लाइसेंस रद्द करने तक की बात कही गई है।

स्थानीय नागरिकों से मेरी जो बात हुई, वो इस कार्रवाई से बहुत खुश हैं। लोगों ने कहा कि ऐसे निरीक्षण से व्यापार में ईमानदारी आएगी और सबसे ज़रूरी, स्वास्थ्य सुरक्षा पर भरोसा बढ़ेगा।

यह अभियान आने वाले दिनों में रुकने वाला नहीं है। खबर है कि मंडला मुख्यालय, घुघरी, नारायणगंज और मोतीनाला समेत ज़िले के सभी ब्लॉकों में यह सघन जांच जारी रहेगी।

मंडला का स्वास्थ्य विभाग अब ये सुनिश्चित करने में जुटा है कि हमारे जिले में किसी भी तरह की प्रतिबंधित दवा का धंधा न चल पाए।

रिपोर्टर – फ़िरदौस खान, मंडला (म.प्र.)

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