मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले के सरई सेंगर में बन रहे एक सरकारी अस्पताल के निर्माण कार्य में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि भवन निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिससे इसकी मजबूती पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस लापरवाही को लेकर स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा और चिंता है, जिन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
मऊगंज जिले के सरई सेंगर में सरकारी अस्पताल निर्माण में घोटाला, गुणवत्ता पर उठे सवाल
संवाददाता: बेटू तिवारी, मऊगंज
मऊगंज, मध्य प्रदेश: मऊगंज जिले के सरई सेंगर (पिनकोड: 486333) में नए सरकारी अस्पताल के निर्माण कार्य में लापरवाही और घटिया गुणवत्ता का एक गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि निर्माण कार्य में इस्तेमाल हो रही सामग्री मानकों के अनुरूप नहीं है, जिससे भवन की सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
क्या है पूरा मामला? मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने इस मामले की तफ़सील बताते हुए कहा कि जब अस्पताल की छत डालने का काम चल रहा था, तो उन्होंने देखा कि लोहे की सरिया (TMT bars) का इस्तेमाल मानक के अनुसार नहीं किया जा रहा था। उनका आरोप है कि ठेकेदार और निर्माण कंपनी पैसे बचाने के लिए पतली और कमज़ोर सरिया लगा रहे हैं। इस तरह के घटिया काम से इमारत की नींव ही कमजोर हो जाएगी, जिससे भविष्य में कोई भी हादसा हो सकता है। यह चिंता का विषय है कि एक अस्पताल जैसी संवेदनशील जगह पर जहाँ सैकड़ों लोगों का जीवन दांव पर होता है, वहाँ ऐसी लापरवाही बरती जा रही है।
प्रशासन की अनदेखी से बढ़ा आक्रोश ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस गड़बड़ी के बारे में कई बार संबंधित विभाग और जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। अधिकारियों की इस अनदेखी ने स्थानीय लोगों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। लोगों का मानना है कि यदि समय रहते इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया, तो अस्पताल का ढाँचा कभी भी ढह सकता है, जो इलाज के लिए आने वाले मरीजों, डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
मांग और अपील स्थानीय निवासियों ने मऊगंज जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और उच्च अधिकारियों से इस मामले का संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उनका कहना है कि सरकारी निर्माण कार्यों में पारदर्शिता (transparency) और जवाबदेही (accountability) बहुत ज़रूरी है, खासकर जब बात लोगों की सुरक्षा से जुड़ी हो। अब देखना यह है कि प्रशासन इस अपील पर क्या कदम उठाता है और ग्रामीणों को कब राहत मिलती है।
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