मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर किया फ्रॉड, अब ED ने 6 पीड़ितों को लौटाए 89.75 लाख रुपये

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Medical College Admission Scam: ED ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से जांच शुरू की. 25 जुलाई 2022 और 4 अगस्त 2022 को कई ठिकानों पर छापे मारे गए, जिनमें कई अहम दस्तावेज और सबूत बरामद हुए.

कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वालों पर ईडी की कार्रवाई. (फाइल फोटो)

ED Action In Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कोच्चि जोनल ऑफिस ने मेडिकल एडमिशन के नाम पर ठगी के एक बड़े मामले में अहम कार्रवाई करते हुए 6 पीड़ितों को 89.75 लाख रुपये लौटाए हैं। यह फैसला 10 फरवरी 2025 को विशेष अदालत द्वारा सुनाया गया। इस ठगी के मामले में पीड़ितों को डॉ. एसएम सीएसआई मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच शुरू की थी और अदालत के आदेश के बाद ठगी की गई रकम वापस की गई।

कैसे हुआ मेडिकल एडमिशन घोटाला?
इस पूरे घोटाले की शुरुआत तब हुई जब कुछ कैंडिडेट्स और उनके माता-पिता ने डॉ. एसएम सीएसआई मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए कॉलेज के डायरेक्टर और अन्य अधिकारियों को बड़ी रकम का भुगतान किया। आरोपी डायरेक्टर और अधिकारियों ने उम्मीदवारों से यह कहकर पैसे लिए कि वे बिना किसी परेशानी के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस और पीजी कोर्स में एडमिशन दिला देंगे। लेकिन असलियत यह थी कि इस कॉलेज में एडमिशन पहले ही नीट (NEET) परीक्षा के नियमों के कारण बंद हो चुका था। नीट लागू होने के बाद इस कॉलेज को एडमिशन की मान्यता नहीं थी, फिर भी उम्मीदवारों को झांसे में रखकर उनसे मोटी रकम वसूली गई।

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा?
जब उम्मीदवारों और उनके परिवारों को इस धोखाधड़ी की सच्चाई पता चली, तो उन्होंने इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस और संबंधित एजेंसियों से की। इसके बाद मामला केरल हाईकोर्ट तक पहुंचा। केरल हाईकोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल एजुकेशन एडमिशन सुपरवाइजरी कमेटी को इस पूरे घोटाले की जांच करने का आदेश दिया। सुपरवाइजरी कमेटी की जांच में यह खुलासा हुआ कि यह एक सुनियोजित धोखाधड़ी थी, जिसमें लाखों रुपये की वसूली की गई थी। इसके बाद मामला प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सौंपा गया। ED ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के रूप में दर्ज किया और जांच शुरू की।

ED ने कैसे शुरू की कार्रवाई?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में कई FIR दर्ज की और आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू की।
ED द्वारा की गई प्रमुख कार्रवाई:

  • 25 जुलाई 2022 और 4 अगस्त 2022 को प्रवर्तन निदेशालय ने विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की।
  • इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद किए गए।
  • ED ने 22 नवंबर 2022 को इस ठगी से जुड़े 95.25 लाख रुपये को “अपराध से अर्जित धन” के रूप में अटैच किया।
  • मामले में मुख्य आरोपी डॉ. बेनेट अब्राहम और उनके साथियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई।

कैसे की गई रकम की बरामदगी?
जांच के दौरान ED ने पाया कि ठगी से अर्जित रकम को विभिन्न खातों में ट्रांसफर किया गया था। इन ट्रांजेक्शनों को ट्रैक करके ED ने संबंधित खातों को सीज किया। अदालत के आदेश के बाद इन खातों से 89.75 लाख रुपये को रिकवर किया गया। अदालत ने ED को यह राशि सीधे पीड़ितों को लौटाने का आदेश दिया।

अदालत का फैसला
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस मामले में PMLA कोर्ट में साल 2024 में चार्जशीट दाखिल की। इसके बाद, ठगी का शिकार हुए पीड़ितों ने अदालत में याचिका दायर कर अपने पैसे वापस करने की मांग की। विशेष अदालत ने 10 फरवरी 2025 को अपना फैसला सुनाया। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय को आदेश दिया कि वह पीड़ितों को ठगी गई रकम वापस करे। ED ने अदालत के आदेश के बाद तेजी से कार्रवाई करते हुए 89.75 लाख रुपये की राशि पीड़ितों को लौटा दी।

ED ने तेजी से कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाया
ED ने इस मामले में न सिर्फ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की, बल्कि पीड़ितों को उनका पैसा भी वापस दिलाया। ED की इस कार्रवाई से मेडिकल एडमिशन के नाम पर हो रही ठगी के मामलों पर सख्त संदेश गया है।

बाकी पीड़ितों को भी मिलेगा न्याय
ED ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस घोटाले से जुड़े अन्य पीड़ितों को भी जल्द न्याय मिलेगा। ED अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। इस घोटाले में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की जाएगी। बाकी पीड़ितों को भी उनका पैसा लौटाने की प्रक्रिया जारी है।

मुख्य आरोपी कौन है?
ED की जांच में इस घोटाले का मुख्य आरोपी डॉ. बेनेट अब्राहम है। डॉ. बेनेट अब्राहम कॉलेज के डायरेक्टर थे और उन्होंने उम्मीदवारों से मोटी रकम लेकर झांसे में रखा। आरोपियों ने यह अच्छी तरह से जानते हुए भी एडमिशन के नाम पर पैसा लिया कि कॉलेज में NEET लागू होने के बाद एडमिशन बंद हो चुके थे।

इस घोटाले में ED की टीम का योगदान
इस मामले की जांच और कार्रवाई में ED की टीम का बड़ा योगदान रहा। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने महीनों तक इस मामले की जांच की। ट्रांजेक्शनों को ट्रैक कर रकम की बरामदगी की। अदालत के आदेश का पालन करते हुए पीड़ितों को उनका पैसा लौटाया।

ED की इस कार्रवाई से बड़ा संदेश
प्रवर्तन निदेशालय (ED) की इस कार्रवाई से मेडिकल एडमिशन के नाम पर हो रही ठगी के मामलों पर सख्त संदेश गया है। ED की इस कार्रवाई से लोगों में विश्वास बढ़ा है। इससे भविष्य में इस तरह के घोटालों पर रोक लगने की संभावना बढ़ गई है। ED ने यह साबित कर दिया है कि ठगी के मामलों में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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