भोपाल। दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता को लेकर अब मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय (PHQ) भोपाल ने एक बड़ा और कड़ा आदेश जारी किया है। यह आदेश सभी ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों (SP) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा गया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि अब सभी पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों को दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य (Mandatory) होगा।
पुलिस मुख्यालय ने अपने इस परिपत्र में कहा है कि आम नागरिकों पर तो हेलमेट न पहनने पर चालानी कार्रवाई होती है, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ पुलिस अधिकारी/कर्मचारी खुद हेलमेट का उपयोग नहीं करते, जिसके कारण सड़क दुर्घटना में उन्हें गंभीर चोटें लगती हैं और कुछ मामलों में दुखद हानि भी हुई है।
Highlights
- पुलिस मुख्यालय (PHQ), भोपाल ने सभी ज़िलों के एसपी को हेलमेट की अनिवार्यता को लेकर आदेश जारी किया।
- सभी पुलिसकर्मियों के लिए दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अब अनिवार्य।
- उल्लंघन (Violation) करने पर मोटर यान अधिनियम की धारा 194−D के तहत चालानी कार्रवाई होगी।
- हेलमेट न पहनने वाले पुलिसकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
- इस आदेश का उद्देश्य पुलिसकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और आम जनता के लिए मिसाल कायम करना है।
भोपाल, इंदौर या खंडवा, बुरहानपुर, शाजापुर, हरदा, बिना, रीवा, सतना जैसे शहरों में आम नागरिक जब बिना हेलमेट पकड़े जाते हैं, तो उन पर तुरंत फाइन होता है। लेकिन कई बार खुद पुलिसकर्मी बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाते दिख जाते हैं, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। पुलिस मुख्यालय का यह नया आदेश कहीं न कहीं इसी विसंगति को दूर करने की तरफ एक ज़रूरी कदम है।
पुलिस महानिदेशक (PHQ) द्वारा अनुमोदित इस परिपत्र में साफ निर्देश दिए गए हैं कि अब:
- समस्त पुलिस थानों, पुलिस लाइनों और अन्य पुलिस इकाइयों के स्टाफ को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक किया जाए।
- वाहन चेकिंग के दौरान यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध मोटर यान अधिनियम की धारा 194−D के तहत चालानी कार्रवाई और लाइसेंस अमान्य (Disqualify) करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
- चालानी कार्रवाई के बावजूद अगर कोई पुलिसकर्मी हेलमेट नहीं पहनता है, तो उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
परिपत्र में यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य है और किसी भी उल्लंघन की स्थिति में की गई कार्रवाई की समीक्षा इकाई प्रमुख के स्तर पर की जाएगी।

भोपाल पुलिस लाइन के एक हवलदार राकेश यादव (नाम परिवर्तित) ने इस आदेश पर अपनी राय रखते हुए कहा, “यह आदेश बहुत अच्छा है। हम दूसरों को नियम बताते हैं, तो हमें भी नियम मानना चाहिए। कई बार जल्दबाज़ी में हम हेलमेट नहीं लगाते, जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इस सख्ती से अब हमारी भी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।”
इस आदेश का सीधा प्रभाव मध्य प्रदेश के हर ज़िले की सड़क सुरक्षा संस्कृति पर पड़ेगा। अब तक आम नागरिक अक्सर यह सवाल उठाते थे कि नियम सिर्फ़ जनता के लिए क्यों है? पुलिस मुख्यालय के इस कदम से अब पुलिस बल स्वयं उदाहरण पेश करेगा, जिससे सड़कों पर हेलमेट पहनने की दर बढ़ने की उम्मीद है। यह कदम विभाग की विश्वसनीयता (E-E-A-T) को भी मजबूत करेगा।
भोपाल स्थित सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ, डॉ. विनोद मिश्रा का मानना है, “यह सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश नहीं है, बल्कि एक मानवीय पहल है। जब पुलिसकर्मी खुद हेलमेट पहनेंगे, तो समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा। यह आदेश सड़क दुर्घटनाओं में पुलिस बल को होने वाली क्षति को कम करने में एक बड़ा योगदान दे सकता है।”
सभी ज़िलों के एसपी (SP) को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने और जल्द से जल्द अपने अधीनस्थ स्टाफ में हेलमेट की अनिवार्यता लागू करने का निर्देश दिया गया है। पुलिस मुख्यालय अब इस आदेश के पालन की समीक्षा नियमित रूप से करेगा, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि यह आदेश सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित न रहे।
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