देशभर के छात्रों और अभिभावकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने 54 निजी यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया है, जिनमें अकेले मध्य प्रदेश की 10 प्राइवेट यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इन यूनिवर्सिटीज पर आरोप है कि इन्होंने छात्रों के लिए जरूरी जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड नहीं की है, जो यूजीसी के नियमों का सीधा उल्लंघन है। पारदर्शिता की इस कमी से इन शिक्षण संस्थानों के फर्जी संचालन की आशंका बढ़ जाती है।
Highlights
- यूजीसी ने देशभर की 54 निजी यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया है।
- मध्य प्रदेश की 10 प्राइवेट यूनिवर्सिटी इस डिफॉल्टर लिस्ट में शामिल हैं।
- डिफॉल्टर होने का कारण वेबसाइट पर अनिवार्य ‘पब्लिक सेल्फ डिस्क्लोजर’ जानकारी अपलोड न करना है।
- यूजीसी ने इन यूनिवर्सिटीज को नोटिस जारी कर तत्काल नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
- पारदर्शिता न होने से छात्रों को यूनिवर्सिटी की मान्यता और संचालन नियमों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाती।
आयुष गुप्ता, नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025
नई दिल्ली: उच्च शिक्षा नियामक संस्था, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए देशभर के 54 निजी शिक्षण संस्थानों को डिफॉल्टर की श्रेणी में डाल दिया है। इन डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज में से 10 सीधे मध्य प्रदेश से संबंधित हैं, जिसने राज्य के शैक्षणिक माहौल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यूजीसी ने क्यों लिया एक्शन?
यूजीसी के नियमानुसार, हर प्राइवेट यूनिवर्सिटी को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर ‘पब्लिक सेल्फ डिस्क्लोजर’ (Public Self Disclosure) के तहत अनिवार्य जानकारी तय फॉर्मेट में अपलोड करनी होती है। यह यूजीसी अधिनियम, 1956 की धारा 13 के तहत अनिवार्य है। इस जानकारी में फैकल्टी की तफ़सील, शैक्षणिक दस्तावेज़, और अन्य जरूरी सूचनाएँ शामिल होती हैं।
लेकिन इन 54 यूनिवर्सिटीज ने इस नियम का पालन नहीं किया। आयोग का कहना है कि पहले भी इन यूनिवर्सिटीज को नोटिस दिए गए थे, इसके बावजूद इन्होंने कोई इंतज़ाम नहीं किया।
फर्जी संचालन की आशंका और छात्रों को दिक्कत
वेबसाइट पर पब्लिक सेल्फ डिस्क्लोजर सर्च विकल्प का बंद होना या जानकारी का अभाव होना पारदर्शिता की कमी को दर्शाता है। इससे छात्रों और उनके पालकों को यह पता लगाने में दिक्कत होती है कि यूनिवर्सिटी यूजीसी के नियमों के अनुसार संचालित हो रही है या नहीं। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी निष्क्रियता के पीछे यूनिवर्सिटी के फर्जी संचालन की संभावना ज्यादा रहती है, जिससे छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
मध्य प्रदेश की 10 डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज
मध्य प्रदेश के 10 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है। ये यूनिवर्सिटीज हैं:
- अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, भोपाल
- आर्यावर्त यूनिवर्सिटी, सीहोर
- प्रीति ग्लोबल यूनिवर्सिटी, शिवपुरी
- ज्ञानवीर यूनिवर्सिटी, सागर
- जेएनसीटी यूनिवर्सिटी, भोपाल
- शुभम यूनिवर्सिटी, भोपाल
- महर्षि महेश योगी वैदिक विवि, जबलपुर
- एलएनसीटी विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, इंदौर
- महाकौशल यूनिवर्सिटी, जबलपुर
- मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, सीहोर
यूजीसी का निर्देश
यूजीसी ने इन सभी डिफॉल्टर यूनिवर्सिटीज को नोटिस जारी कर तत्काल नियमों का पालन करने और वेबसाइट पर सभी प्रमाणित दस्तावेज अपलोड करने के सख्त निर्देश दिए हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि पालन न करने पर आगे और कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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