स्वघोषित यूट्यूब चैनलों पर सख्ती के संकेत: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने डीजीपी को कार्रवाई के निर्देश दिए

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भोपाल (MP जनक्रांति न्यूज डेस्क): मध्य प्रदेश में अब सोशल मीडिया और यूट्यूब के नाम पर पत्रकारिता की आड़ में भ्रम फैलाने और ब्लैकमेलिंग करने वालों के खिलाफ सरकार ने युद्धस्तर पर तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना को स्पष्ट निर्देश देते हुए ऐसे ‘स्वघोषित’ यूट्यूब पत्रकारों पर नकेल कसने के लिए ‘फ्री हैंड’ (पूर्ण स्वतंत्रता) दे दी है।

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मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया और यूट्यूब प्लेटफॉर्म के माध्यम से भ्रामक सूचनाएं फैलाने, तथ्यों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करने और कथित रूप से ब्लैकमेलिंग जैसी गतिविधियों की शिकायतों को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। गुरुवार को पुलिस मुख्यालय भोपाल में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारिता की आड़ में यदि कोई व्यक्ति या चैनल गलत तथ्यों के आधार पर सरकारी संस्थानों, अधिकारियों या आम नागरिकों को बदनाम करता है, तो उस पर कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस को इस संबंध में स्वतंत्र निर्णय लेने की अनुमति दी है।

डीजीपी-आईजी सम्मेलन के निर्देशों के अनुपालन पर चर्चा

यह बैठक हाल ही में रायपुर में आयोजित 98वीं डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में दिए गए निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस को तकनीकी और कानूनी दोनों स्तरों पर तैयार रहना होगा।

2004 की कार्रवाई का संदर्भ

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने वर्ष 2004 में उज्जैन में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जी. जनार्दन द्वारा की गई कार्रवाई का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उस समय कानून-व्यवस्था को लेकर जो सख्ती अपनाई गई थी, वैसी ही गंभीरता वर्तमान परिस्थितियों में भी आवश्यक है, बशर्ते कार्रवाई पूरी तरह कानून के दायरे में हो।

किन गतिविधियों पर हो सकती है कार्रवाई

पुलिस सूत्रों के अनुसार, ऐसे यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया अकाउंट जांच के दायरे में आ सकते हैं जो:

  • बिना प्रमाण आरोप लगाते हैं
  • भ्रामक शीर्षक और थंबनेल के माध्यम से भ्रम फैलाते हैं
  • निजी या प्रशासनिक मामलों में दबाव बनाने का प्रयास करते हैं
  • सामाजिक सौहार्द को प्रभावित करने वाली सामग्री प्रसारित करते हैं

सड़क सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर भी जोर यूट्यूबर्स पर सख्ती के अलावा, मुख्यमंत्री ने बढ़ते सड़क हादसों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि केंद्र सरकार की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करवाया जाए और फील्ड पर तैनात वरिष्ठ अधिकारी स्वयं इलाकों का आकस्मिक निरीक्षण (Surprise Inspection) करें। साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर अमले को मजबूत किया जाएगा। MP जनक्रांति की राय: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन पत्रकारिता की आड़ में ‘फेक न्यूज’ का कारोबार करने वालों पर यह कार्रवाई डिजिटल स्वच्छता के लिए जरूरी कदम मानी जा रही है।

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