देश में कई तरह के फसलों की खेती की जाती है और मूली एक स्वादिष्ट और पौष्टिक सब्जी है जिसे भारत में व्यापक रूप से उगाया जाता है। इसकी खेती अपेक्षाकृत आसान है और कम समय में अच्छी पैदावार देती है। आइए मूली की खेती के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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मूली की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
मूली ठंडे मौसम की फसल है, लेकिन यह गर्मियों में भी उगाई जा सकती है। मूली को उगाने के लिए हल्की मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाली भूमि सबसे उपयुक्त होती है।
मूली की उन्नत किस्में
मूली की कई उन्नत किस्में उपलब्ध हैं, जैसे:
- पूसा चेती: गर्मी के मौसम के लिए उपयुक्त
- पूसा हिमानी: सर्दी के मौसम के लिए उपयुक्त
- पीसा कमला: जल्दी पकने वाली किस्म
मूली की बुवाई का समय
मूली की बुवाई का समय जलवायु पर निर्भर करता है। सर्दियों में बुवाई के लिए अक्टूबर-नवंबर का महीना और गर्मियों में बुवाई के लिए मार्च-अप्रैल का महीना सबसे उपयुक्त होता है।
मूली की बुवाई की विधि
मूली की बुवाई पंक्तियों में की जाती है। बीजों को 1.5 सेंटीमीटर की गहराई तक दबा दें। पंक्तियों के बीच की दूरी 25-30 सेंटीमीटर रखें। मूली को नियमित रूप से पानी देना चाहिए, खासकर गर्मियों में। मूली को गोबर की खाद और उर्वरक देना चाहिए। खरपतवारों को नियमित रूप से हटाते रहें। मूली को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करें।
मूली की कटाई
मूली की कटाई 45-60 दिनों में की जा सकती है। मूली को जड़ सहित निकाल लें। किसान भाई एक हेक्टेयर में देशी मूली की खेती करते हैं, तो 250 क्विंटल तक पैदावार मिलेगी. इससे 2 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है.